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महामारी में जीवन और जीविका बचाने की कोशिश में योगी सरकार, करोना से ऐसे लड़ रही जंग

योगी सरकार रोज खाने और कमाने वाले, पटरी दुकानदार, दैनिक मजदूर और फैक्ट्रियों में काम करने वाले कर्मचारियों को ध्यान में रखकर कोरोना से जंग लड़ रही है।

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लखनऊ

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Abhishek Gupta

May 31, 2021

महामारी में जीवन और जीविका बचाने की कोशिश में योगी सरकार, करोना से ऐसे लड़ रही जंग

महामारी में जीवन और जीविका बचाने की कोशिश में योगी सरकार, करोना से ऐसे लड़ रही जंग

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

लखनऊ. कोरोना महामारी में योगी सरकार की कोशिश लोगों का जीवन और जीविका बचाने की है। सरकार रोज खाने और कमाने वाले, पटरी दुकानदार, दैनिक मजदूर और फैक्ट्रियों में काम करने वाले कर्मचारियों को ध्यान में रखकर कोरोना से जंग लड़ रही है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 01 जून से कम संक्रमण वाले जिलों में सशर्त राहत दे दी है, जबकि लखनऊ सहित 20 जिलों में अग्रिम आदेश तक पूर्ववत प्रतिबंध लागू रहेंगे। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां आंशिक कोरोना कर्फ्यू लागू किया गया है जबकि दूसरे कई राज्यों में पूर्णत: लॉकडाउन है। महामारी के इस दौर में सरकार ने समाज के अंतिम पायदान पर खड़े हर व्यक्ति का न सिर्फ ख्याल रखा, बल्कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा राहत पहुंचाने की कोशिश भी की। वहीं, ज्यादा पैसा वसूलने वाले अस्पतालों और दवा, ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त रुख भी अपनाया है।

निशुल्क राशन वितरण

आपदाकाल में सभी प्रदेशवासियों के भरण-पोषण के लिए निशुल्क राशन वितरण किया जा रहा है। प्रदेश में 14 करोड़ 71 लाख 85 हजार 952 लाभार्थियों को राशन दिया जा रहा है। इसमें पांच किलो प्रति यूनिट (तीन किलो, गेहूं और दो किलो चावल) निशुल्क दिया जा रहा है। सीएम योगी ने सभी राशन की दुकानों पर एक-एक नोडल अधिकारी तैनात करने और कहीं भी घटतौली न होने के निर्देश दिए हैं। कुल 14,78,92,300 यूनिट्स में से 12,79,87,725 लोगों को 6,39,938 मीट्रिक टन राशन निशुल्क दिया गया है। यह कार्य निरंतर जारी है।

बांटे जा रहे फूड पैकेट्स

प्रदेश में जरूरतमंदों के लिए सरकारी और निजी संस्थाओं के सहयोग से 413 कम्युनिटी किचन संचालित किए जा रहे हैं और रोजाना करीब 42 हजार से ज्यादा फूड पैकेट्स बांटे जा रहे हैं। ये फूड पैकेट्स उन जरूरतमंदों को दिए जा रहे हैं, जो रोज कमाने और खाने वाले हैं। कंटेनमेंट ज़ोन में डोर स्टेप डिलीवरी की व्यवस्था की गई है। रोज कमाने और खाने वाले पटरी दुकानदारों, दैनिक मजदूरों और श्रमिकों को पिछले साल की तरह इस साल भी प्रति माह एक हजार रुपए का भरण पोषण भत्ता देने की घोषणा की है। ऐसे करीब आठ लाख 80 हजार पटरी दुकानदारों को एक हजार रुपए मिलेंगे। इसके लिए सात सौ करोड़ की मंजूरी दी गई है। यह सौगात मुख्यमंत्री की ओर से एक जून को दी जाएगी। प्रदेश में करीब साढ़े आठ लाख उद्योग पंजीकृत हैं और इनमें 80 लाख लोग काम करते हैं। ऐसे ही करीब 80 लाख उद्योग अपंजीकृत हैं और इनमें दो करोड़ लोग काम करते हैं। सीएम योगी ने इन्हें कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करते हुए चलाने की अनुमति दी है।

मृतक पत्रकारों के परिजनों को 10 लाख रुपये देगी योगी सरकार

हिंदी पत्रकारिता दिवस के मौके पर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ी घोषणा की। योगी सरकार ऐसे पत्रकार जिनका कोरोना काल के दौरान बीमारी से निधन हो गया उनके परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी। दरअसल, कोरोना काल में कवरेज के दौरान कई पत्रकार संक्रमित हो गए और कई का निधन हो गया। ऐसे में उनके परिजनों के सामने भरण-पोषण की मुश्किल आ गई है। इसे देखते हुए सरकार ने मृत पत्रकारों के परिजनों को 10 लाख रुपये देने का निर्णय लिया है।

कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को 4 हजार प्रति माह देगी यूपी सरकार

कोरोना महामारी में दौरान जिन परिवारों में जनहानि हुई है और उनके बच्चे अनाथ ही गए हैं, ऐसे बच्चों की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार उठाएगी। कोरोना की विभीषिका के कारण प्रदेश में कई बच्चों के माता-पिता का असमय देहान्त हो गया है। ऐसे बच्चों के लालन-पालन और शिक्षा-दीक्षा लेकर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इन बच्चों के प्रति संवेदना का भाव रखते हुए सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना प्रारंभ करने की घोषणा की है। जिसमें बच्चे के वयस्क होने तक उनके अभिभावक अथवा देखभाल करने वाले को 4,000 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।