
योगी आदित्यनाथ नरेन्द्र मोदी
लखनऊ. उत्तर प्रेदश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) ने बड़ा फैसला लेते हुए मंत्रियों के लिए नया फरमान जारी किया है। सीएम योगी ने कैबिनेट की बैठक (Cabinet Meeting) में मंत्रियों के मोबाइल फोन लाने में पाबंदी लगी दी है। अब वे बैठक के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। मोबाइल फोन अब उन्हें कैबिनेट कक्ष के बाहर ही छोड़ना होगा।
इस वजह से लिया गया फैसला
सीएम योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि मंत्रिमंडल की बैठकों में होने वाली चर्चा पूरी गंभीरता व बिना किसी व्यवधान के हो। मंत्रिमंडल के सदस्यों के बीच मोबाइल फोन अचानक बजने से बैठक में दिक्कतें आती हैं। यही नहीं बैठक के वक्त फोन पर आने वाले मैसेज पढ़ने से अच्छा संदेश नहीं जाता है। वैसे कुछ मंत्री सीएम द्वारा बुलाई बैठकों में जाने से पहले अपने निजी सचिवों को थमा देते हैं लेकिन यह काम उन्हें भूतल पर ही करना होता है। वहीं यह भी बताया जा रहा है कि योगी सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की हैकिंग और जासूसी के खतरे को देखते हुए ये फैसला लिया है। इससे पहले मंत्रियों को माबाइल फोन लाने की अनुमति थी। हालांकि, उसे स्विच ऑफ करने या साइलेंट मोड पर रखना होता था।
टोकन की व्यवस्था की गई है
नई व्यवस्था में मंत्रियों को कोई असुविधा न हो, इसके लिए टोकन की व्यवस्था की गई है। इसका जिम्मा सामान्य प्रशासन विभाग को दिया गया है। इसके तहत जब मंत्री मंत्रिपरिषद कक्ष में सीएम द्वारा बुलाई गई बैठकों में जाएंगे तो वह मोबाइल फोन टोकन लेकर बाहर जमा कराएंगे। बाद में कक्ष से बाहर आने पर टोकन के जरिए उसे वापस ले सकेंगे।
चुनाव के बाद मंगलवार को हुआ था पहली कैबिनेट बैठक
लोकसभा चुनाव २०१९ के परिणाम आने के बाद पहली कैबिनेट बैठक मंगलवार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोकभवन में हुई थी। यह बैठक सबसे ज्यादा अहम थी इस बैठक में सात प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई थी। बैठक में महत्वपूर्ण फैसले लेते हुए योगी सरकार ने ट्रांसफर नीति पॉलिसी बदली है। स्थानांतरण नीति में संशोधन के जरिये राज्य कर्मचारियों के तबादलों के लिए अंतिम समयसीमा को 31 मई से बढ़ाकर 30 जून करने का प्रस्ताव लिया गया है। इसके साथ ही गौ-संरक्षण और गन्ना किसानों के हक में फैसले लिए गए। उत्तर प्रदेश गन्ना (आपूर्ति-विनियमन एवं क्रय) अधिनियम, 1953 की धारा-18 में विधायी संशोधन और उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी।
Updated on:
01 Jun 2019 05:41 pm
Published on:
01 Jun 2019 02:39 pm
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