
CM yogi
पत्रिका न्यूज नेटवर्क.
लखनऊ. सूबे की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने स्वयं-सहायता समूहों (एसएचजी) के विनिर्माण और वितरण के लिए संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया। एमओयू के अनुसार बच्चों के पोषण के लिए टेक-होम राशन को स्वयं सहायता समूहों के जरिए वितरित किया जाएगा।
1,200 करोड़ के टर्नओवर की उम्मीद-
बुधवार को हुए एमओयू के मुताबिक पहले चरण में लगभग 30 प्रतिशत टेक-होम राशन वितरित करने का काम किया जाएगा। स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पाद को उत्तर प्रदेश बाल पोषण विभाग तक पहुंचाया जाएगा। इस सहयोग के माध्यम से लगभग 200 महिला एसएचजी उद्यमों को 1,200 करोड़ रुपए के सालाना टर्नओवर के साथ कारोबार करने की उम्मीद है।
240 दिन का रोजगार मिलेगा-
उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन और संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के इस समझौते से 3,000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा। और 240 दिन का रोजगार उपलब्ध होगा। इससे प्रति महिला प्रति माह पांच से सात हजार रुपये कमा सकेगी।
18 जिलों में चलेगा प्रोजेक्ट-
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि प्रारंभिक चरण में यह कार्यक्रम राज्य के 18 जिलों के 204 विकास खंडों में चलाया जाएगा। एक साल में 1200 करोड़ रुपये की पूंजी वितरित की जाएगी। लगभग 160 करोड़ रुपये का लाभ प्राप्त करने के बाद लघु उद्योगों को धन वितरित किया जाएगा। लघु उद्योग राज्य के सरकारी विभागों को अपने उत्पादों की आपूर्ति करेंगे। इनमें से ज्यादातर उत्पाद बाल विकास और पोषण विभाग के पास जाएंगे। इसके साथ ही फतेहपुर और उन्नाव जिलों में यूपी विश्व खाद्य कार्यक्रम के इस एमओयू में एक बड़ी इकाई भी स्थापित की जाएगी। स्टार्टअप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोजेक्ट (एसवीईपी) के तहत 20,689 महिलाओं को छोटे उद्योगों से जोड़ा गया है। आंगनबाड़ी केन्द्रों को वितरित किये गये पूरक पोषण आहार पर प्राप्त लाभ में भी अंश प्राप्त होगा।
Published on:
09 Sept 2020 03:43 pm
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