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डिमोशन से नाराज सीएम योगी ने 900 पीएसी जवानों के प्रमोशन का दिया आदेश, अधिकारियों को लगाई फटकार

locationलखनऊPublished: Sep 26, 2020 03:43:43 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने उन 900 पीएस जवानों के प्रमोशन का आदेश दिया है, जिनका हाल में ही मे डिमोशन कर दिया गया था।

डिमोशन से नाराज सीएम योगी ने 900 पीएसी जवानों के प्रमोशन का दिया आदेश, अधिकारियों को लगाई फटकार

डिमोशन से नाराज सीएम योगी ने 900 पीएसी जवानों के प्रमोशन का दिया आदेश, अधिकारियों को लगाई फटकार

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने उन 900 पीएस जवानों के प्रमोशन का आदेश दिया है, जिनका हाल में ही मे डिमोशन कर दिया गया था। सीएम ने पीएसी जवानों के डिमोशन पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने जवानों को प्रमोशन न देने के फैसले को गैरजिम्मेदार ठहराया। सीएम ने अधिकारियों से दो टूक कहा दिया है कि वह पुलिस जवानों का मनोबल गिराने वाला कोई निर्णय बर्दाश्त नहीं करेंगे। सीएम ने पीएसी जवानों के प्रमोशन को लेकर शासन को जानकारी दिए बगैर निर्णय करने वाले अफसरों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला

पीएसी से नागरिक पुलिस में आए जवानों को प्रमोशन मांगने पर उन्हें मूल काडर पीएसी में भेजने का मामला सामने आया था। ऐसे 896 पुलिसकर्मियों को डिमोट करते हुए वापस किया गया है जबकि 22 आरक्षियों को कॉन्‍स्‍टेबल के ही पद पर वापस भेजा गया। दरअसल, 2008 से पूर्व पीएसी जवानों को सिविल पुलिस में स्थानांतरण हो जाया करता था। इसके तहत कुल 932 पुलिसकर्मी पीएसी से सिविल पुलिस में आए। उनमें 890 कॉस्टेबल्स को हेड कांस्टेबल के पद पर प्रमोट किया गया, जबकि छह को सब इंस्पेक्टर पद पर प्रोन्नति मिली। 22 कांस्टेबल के पद पर ही रहे और 14 की मृत्यु हो गई।
लेकिन इसके बारे में कहा गया कि आर्म्स पुलिस से सिविल पुलिस में पीएसी के 890 हेड कॉन्सटेबल का प्रमोशन नियम के विरुद्ध किया गया है। प्रमोशन को लेकर इस संबंध में पीएसी के 1998 बैच के कॉन्सटेबल जितेंद्र कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसमें कहा गया था कि उनके बैच के तीन साथियों सुनील कुमार यादव, दिनेश कुमार चौहान और देव कुमार सिंह का सिविल पुलिस में प्रमोशन किया गया, जबकि जितेंद्र का प्रमोशन नहीं हुआ। इस पर अदालत ने डीजीपी मुख्यालय से जवाब मांगा।
हाईकोर्ट ने रद्द किया था ट्रांसफर

डीजीपी मुख्यालय की ओर से इस स्थानांतरण के आदेश को ही गलत बता दिया गया। डीजीपी मुख्यालय की ओर से कहा गया कि पीएसी व सिविल पुलिस दो अलग-अलग सुरक्षा बल हैं। पूर्व में पीएसी से कुछ लोगों की ड्यूटी सिविल पुलिस में लगाई गई थी, जिसे काडर ट्रांसफर नहीं कहा जा सकता, क्योंकि इसका कोई शासनादेश नहीं है और न ही किसी नियमावली में प्राविधान। इसके बाद सभी जवानों का डिमोशन कर दिया गया और सभी को अपने पुराने पदों पर वापस आना पड़ा। सिविल पुलिस में उनके ट्रांसफर को रद्द कर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने जताई नाराजगी

जवानों के डिमोशन पर मुख्यमंत्री योगी ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने डीजीपी को निर्देश दिए कि इन सभी 900 जवानों को तुरंत प्रमोशन किया जाए। साथ ही मुख्यमंत्री ने शासन को निर्देश दिए कि जिस अधिकारी ने बिना सरकार के संज्ञान में लाए यह फैसला लिया उसके खिलाफ जांच कर रिपोर्ट दें और सख्त कार्रवाई की जाए। डिमोट हुए जवानों को फिर से प्रमोट किया जाएगा।

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