
कैराना-नुरपुर में हार के बाद सीएम योगी पहुंचे दिल्ली, अमित शाह से करेंगे मुलाकात
लखनऊ. कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा चुनावों में हार के बाद भाजपा लोकसभा 2019 के लिए अभी से तैयारी में जुट गई है। कैराना-नूरपुर की हार ने सीएम योगी और पीएम मोदी की चिंता तो बढ़ा ही दी है साथ भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह भी अब यही सोचते होंगे कि विपक्ष की एकता के बाद अब भाजपा की राह २०१९ में आसान नहीं होगी।
सोमवार को सीएम योगी आदित्यनाथ दिल्ली पहुंचे, उन्होंने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से एम्स में मुलाकात की। बतादें कि केशव प्रसाद मौर्य इस समय एम्स में भर्ती हैं। उनका वहां इलाज चल रहा है। सीएम योगी सोमवार सुबह एम्स पहुंचे और केशव प्रसाद मौर्य से मिलकर उनका स्वास्थ्य के बारे में जाना। सीएम योगी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। वहीं सीएम के पीएम मोदी से भी मिलने की बात कही जा रही है। सब मिलाकर यूपी को लेकर बड़ी रणनीति बन सकती है।
अब आगे क्या?
सीएम योगी अमित शाह से मुलाकात करेंगे। उनकी यह मुलाकात कई मायने में काफी महत्वपूर्ण होगी। कैराना और नूरपुर में हार के बाद बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। भाजपा को यह अच्छी तरह से मालूम है कि सपा और बसपा के गठबंधन के बाद यूपी की राह आसान नहीं होगी। भाजपा ने जिस तरह से 2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी की 80 सीटों में से 73 पर जीत हासिल की थी, लेकिन अब यूपी का समीकरण बदला हुआ है। पहले सपा-बसपा अलग-अलग चुनाव लड़े थे अब वे दोनों साथ में आ गए हैं। ऐसे में भाजपा की मुश्किलें बढ़ती ही नजर आ रही हैं।
बनानी होगी बड़ी रणनीति
सपा और बसपा के गठबंधन को मात देने के लिए भाजपा को बड़ी रणनीति बनानी होगी। सपा के साथ पिछड़ा वर्ग तो बसपा के साथ दलित वोट बैंक है। ये दोनों वोट बैंक यूपी में मिल जाएं तो बड़ी ताकत हैं। सूबे में करीब ३६ प्रतिशत पिछड़ा वोट है वहीं करीब २२ प्रतिशत दलित वोट हैं। इस बार इन दोनों वर्गों को साधने के बाद ही जीत मिल सकती है भाजपा को। सब मिला के देखा जाए तो गठबंधन के बाद यूपी की सियासत के रंग बदलते जा रहे हैं। अब भाजपा इस गठबंधन को कैसे मात देगी यह तो समय ही बताएगा।
जातीय समीकरण से ही बनेगी बात
यूपी में भाजपा को जीतने के लिए जातिय रणनीति पर काम करना होगी। यहां विकास से अधिक जातीय समीकरण महत्व रखते हैं। अब योगी और अमित शाह के बीच क्या रणनीति बनती है और सपा बसपा को वे कैसे मात देंगे यह तो समय ही बताएगा।
Published on:
04 Jun 2018 02:01 pm
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
