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इस टैबलेट के नमूने स्टेट लैब में फेल, स्वास्थ्य के लिए घातक है दवा

नमूने फेल होने के बाद ड्रग विभाग की ओर से गौतमबुद्धनगर में कॉम्बिफ्लेम की बिक्री पर रोक लगा दी गयी है।

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Rohit Singh

Dec 16, 2016

combiflaim

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लखनऊ। राजधानी स्थित राजकीय औषधि एवं खाद्य प्रयोगशाला में कॉम्बिफ्लेम दवा के नमूने फेल हो गये हैं। बता दें कि ये दवा आम लोगों के बीच इतनी मशहूर है कि जरा सा शरीर दर्द एवं बुखार होने पर लोग इस दवा को खा लेते हैं।

इस बारे में ड्रग कंट्रोलर एलके सिंह ने बताया कि कॉम्बिफ्लेम के नमूने बीती जुलाई में नोएडा स्थित एक मेडिकल स्टोर में से लिए गये थे। प्रयोगशाला में जांच के दौरान पाया गया कि दवा घुल नहीं रही है। जिससे ये दवा स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकती है।

नमूने फेल होने के बाद ड्रग विभाग की ओर से गौतमबुद्धनगर में कॉम्बिफ्लेम की बिक्री पर रोक लगा दी गयी है। साथ ही ड्रग विभाग की ओर से प्रदेश व देश में 6 एनए 0347 बैच नंबर की दवा रोकने के लिए सिफारिश की गयी है।

बता दें कि बीती जुलाई में जिला आैषधि निरीक्षक दीपक शर्मा ने गंगा शाॅपिंग कॉम्प्लेक्स में स्थित मेडिकल स्टोर से काॅम्बीफलेम दवा का नमूना लिया था। जिसे लखनऊ स्थित राजकीय प्रयोगशाला में भेजा गया था। जहाँ इस दवा के नमूने जांच में फेल हो गए हैं।

जागरूकता की कमी
एसजीपीजीआई के माइक्रोबायोलॉजी के हेड डॉ. केएन प्रसाद का कहना है कि एंटीबायोटिक दवाओं को लेकर भारत में जागरूकता की बेहद कमी है। जोकि देश के स्वास्थ्य की दृष्टि से बड़ा खतरा है।

उन्होंने बताया कि डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट कहती है कि एंटीबायोटिक दवाओं के प्रयोग को लेकर सरकार की ओर से जल्दी ध्यान नहीं दिया गया तो स्थिति बहुत गंभीर हो सकती है। क्योंकि इन दवाओं के खाने से शरीर में किसी भी प्रकार का कट या कोई बीमारी होने पर कोई दवा मरीज को फायदा ही नहीं करेगी और आखिर में उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ेगा। इसलिए एंटीबायोटिक दवाओं को डॉक्टर से परामर्श कर खाना चाहिए।

90 से 95 प्रतिशत फायदेमंद बैक्टीरिया
डॉ. केएन प्रसाद ने बताया कि मनुष्य के शरीर में 90 से 95 प्रतिशत ऐसे बैक्टीरिया होते हैं जो लाभकारी होते हैं लेकिन एंटीबायोटिक दवाइयों को खाने से ये नष्ट हो जाते हैं। जिससे शरीर के कई भागों में हानिकारक बैक्टीरिया बैठ जाते हैं। जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को नष्ट कर देते हैं। इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए।


उन्होंने बताया कि रोगाणु जब हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं तो हमारा प्रतिरोधक तंत्र सक्रिय हो जाता है और एंटीबॉडी बनाना शुरू कर देता है। शरीर और जीवाणुओं में जंग शुरू हो जाती है। जो ताकतवर होता है वह दूसरे को हटा देता है। रोगों से लड़ने की शक्ति कम होने के कारण हम बीमार पड़ते हैं। एंटीबायोटिक दवाएं जो जीवाणुओं (बैक्टीरिया) को मारने के लिए प्रयुक्त होती हैं, वे बीमारी पैदा करने वाले जीवाणुओं के साथ-साथ हमारे लिए जरूरी जीवाणुओं को भी नष्ट कर देती हैं। ऐसे में तर्कसंगत एंटीबायोटिक्स का प्रयोग बहुत जरूरी है। इसके लिए आप डॉक्टर की सलाह लें।

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