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नोटबंदी से परेशान लोगों के गुस्से को वोटों में बदलेगी कांग्रेस

नोटबंदी के बाद पनपे जनाक्रोश को कांग्रेस वोटों में तब्दील करने की कोशिश में जुट गई है। इस प्रदेशव्यापी अभियान की कमान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी स्वयं संभालेंगे। जिसकी शुरूआत 19 दिसंबर को जौनपुर व 22 दिसंबर को बहराइच में बड़ी रैलियों से होगी।

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Raghvendra Pratap

Dec 18, 2016

Rahul Gandhi

Rahul Gandhi

लखनऊ. देश में नोटबंदी के बाद पनपे जनाक्रोश को कांग्रेस वोटों में तब्दील करने की कोशिश में जुट गई है। इस प्रदेशव्यापी अभियान की कमान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी स्वयं संभालेंगे। जिसकी शुरूआत 19 दिसंबर को जौनपुर व 22 दिसंबर को बहराइच में बड़ी रैलियों से होगी। इसके अलावा जिला व ब्लॉक मुख्यालयों पर नोटबंदी के विरुद्ध जनजागरण तेज करने में फ्रंटल संगठनों को भी लगाया जाएगा। प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए बेताब कांग्रेस को नोटबंदी में उम्मीद नजर आ रही है।

केन्द्र के तुगलगी फैसले को प्रचारित करेंगे राहुल
पार्टी नेतृत्व को भरोसा है कि नोटबंदी से परेशान जनता के गुस्से को अपने लिए वोटों में बदला जा सकता है। इसके लिए कार्यकर्ताओं को लोगों के बीच में जाकर केंद्र सरकार के तुगलकी फैसले से हो रहे नुकसान को प्रचारित करने के साथ उनकी समस्याओं का समाधान तलाशने को कहा गया है। प्रदेश उपाध्यक्ष व मीडिया इंचार्ज सत्यदेव त्रिपाठी ने बताया कि राहुल गांधी बड़ी रैलियों के जरिए नोटबंदी के मुद्दे पर जनसंवाद करेंगे।

किसानों के लिए मोदी से मिल चुके हैं राहुल
दो दिन पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी किसानों के प्रतिनिधिमंडल की मांगों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले। इस बैठक के राहुल गांधी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में हमारी यात्रा के दौरान किसानों ने मांग रखी थी कि उनका कर्ज माफ किया जाना चाहिए। बिजली बिल हाफ किया जाए और फसल का सही दाम मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माना है कि किसानों की हालत गंभीार है, लेकिन कर्ज माफ करने पर उन्होंने कुछ नहीं कहा सिर्फ सुना।

पूर्वांचल में खाट सभा की सफलता के बाद रैली का फैसला
जौनपुर का चयन वहां गत दिनों खाट सभा सफल होने के कारण किया है। वहीं सूत्रों का कहना है कि मुस्लिम बाहुल्य जिलों में कांग्रेस अधिक फोकस करेगी क्योंकि उक्त क्षेत्रों में नोटबंदी के खिलाफ नाराजगी कुछ ज्यादा है। जौनपुर रैली कामयाब कराने का जिम्मा स्थानीय विधायक नदीम जावेद को सौंपा गया है। राहुल गांधी की दूसरी रैली बहाराइच में होगी। बता दे कि प्रधानमंत्री की रैली गत 11 दिसंबर को बहराइच में आयोजित की गई परंतु मौसम की खराबी के कारण मोदी रैली स्थल पर न पहुंच सके थे और फोन के जरिए रैली को संबोधित करना पड़ा था।

किसान कांग्रेस के साथ
हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने बताया कि किसानों के साथ सभी सरकारें सौतेला व्यवहार करती आई हैं। जिस तरह राहुल गांधी ने खाट सभा के जरिए किसानों की समस्या पुरजोर तरीके से उठाई, उसका असर पूरे देश में पड़ा है। किसानों को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। आने वाले समय में राहुल गांधी की जो रैलियां आयोजित की जा रही हैं उसमें हमारा पूरा सहयोग रहेगा। क्योंकि नोट बंदी से यदि अगर सबसे ज्यादा कोई परेशान है तो वो किसान है। किसनों को जबतक उनका हक नहीं मिलेगा तब देश सही से नहीं चलेगा।

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