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लखनऊ. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल चिकित्सालय में आवारा कुत्तों को रोकने की जिम्मेदारी वार्ड सिस्टरों को दिए जाने पर उठे विवाद और उनके विरोध के बाद सिविल हॉस्पिटल के प्रमुख अधीक्षक ने अपना आदेश वापस ले लिया है। अब इन कुत्तों को रोकने की जिम्मेदारी सुरक्षा गार्डों को दी गई है। सिविल अस्पताल के निदेशक और प्रमुख अधीक्षक की ओर से जारी नये पत्र में कहा गया है कि पिछले पत्र में त्रुटिवश गार्ड की जगह वार्ड सिस्टर लिख गया था। इस नए पत्र के बाद अब विवाद खत्म हो गया है।
सिविल हॉस्पिटल में पिछले दिनों जारी आदेश में कहा गया था कि चिकित्सालय में आवारा **** इत्यादि इधर-उधर घूमते दिखाई देते हैं। चिकित्सालय में आने वाले मरीजों और उनके परिवार के लिए इन्हें घातक बताते हुए आशंका जताई गई थी कि ये नुकसान पहुंचा सकते हैं। पत्र में यह निर्देश दिए गए थे कि सभी वार्ड सिस्टर चिकित्सालय परिसर में कहीं भी कोई आवारा जानवर दिखने पर उन्हें रोकने और भगाने का का काम करेंगे। निर्देश में यह भी कहा गया था कि इस ड्यूटी में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
इस आदेश के बाद नर्सेस संघ और कर्मचारी संघ ने विरोध करना शुरू कर दिया था। विरोध के बीच सिविल हॉस्पिटल ने अपने आदेश को वापस ले लिया है। प्रमुख अधीक्षक की ओर से जारी नए पत्र में कहा गया है कि पिछले जारी आदेश में त्रुटिवश सुरक्षा गार्ड की जगह वार्ड सिस्टर लिख गया था। जानवरों को रोकने और उन्हें भगाने की जिम्मेदारी सुरक्षा गार्डों की है। फिलहाल इस नये आदेश के बाद नर्सिंग स्टाफ ने अपना विरोध खत्म कर दिया है।
वार्ड सिस्टर के लिए जारी इस आदेश के बाद लगातार विरोध बढ़ता जा रहा था। कर्मचारी संगठनों ने इस आदेश के बाद आंदोलन का ऐलान कर दिया था जबकि नर्सेस संघ ने भी कार्य बहिष्कार की चेतावनी दे दी थी। फिलहाल इस नए आदेश के बाद पूरा मामला शांत हो गया है और अस्पताल प्रबंधन ने राहत की सांस ली है।
Published on:
01 Sept 2017 06:51 pm
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