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लखनऊ. उत्तर प्रदेश में के डेल्टा प्लस वेरिएंट (Corona Delta Plus Variant) के एकाएक मामले बढ़े हैं। वहीं कोरोना का कप्पा वेरिएंट (Kappa Variant) भी प्रदेश में दस्तक दे चुका है। प्रदेश में कुल 107 डेल्टा प्लस वेरिएंट का इलाज जारी है। इसके अतिरिक्त ब्लैक फंगस (Black Fungus) के बाद अब साइटोमेगलो वायरस (cytomegalovirus) को लेकर भी उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है। बताया जा रहा है साइटोमेगलो, कोविड से ग्रस्त कमजोर लोगों को अपना शिकार बना रहा है।
कुछ दिन पूर्व ही 109 नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग हुई थी, जिसमें दो कप्पा व 107 में डेल्टा प्लस वेरिएंट मिला था। कप्पा के लिए कहा जाता है कि डेल्टा से अधिक व डेल्टा प्लस से कम खतरनाक है। सीएम योगी की नियमित समीक्षा बैठक के बाद एक बयान जारी किया गया, जिसमें बताया गया है कि कोविड -19 का डेल्टा प्लस वेरिएंट 107 नमूनों में पाया गया, जबकि कप्पा संस्करण दो नमूनों में पाया गया है। सीएम योगी ने कहा यह दोनों वेरिएंट यूपी के लिए नए नहीं हैं। प्रदेश में जीनोम सीक्वेंसिंग की सुविधा को और बढ़ाया जाए, जिससे इसके खतरे को बढ़ने से रोका जाए।
ब्लैक फंगस के बाद साइटोमेगलोवायरस का खतरा-
प्रदेश में ब्लैक फंगस का खतरा कम हो गया है, लेकिन अब साइटोमेगलो वायरस घातक होता जा रहा है। पोस्ट कोविड मरीजों को यह परेशान कर रहा है। कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को निशाना बना रहा है। बताया जा रहा है कि स्टूल में खून, पेट में दर्द, बुखार, थकान, गले में खराश, सूजन आदि इसके लक्षण हैं। दिल्ली में इसके मरीज मिल हैं, जिसके बाद मेरठ से लेकर लखनऊ तक स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है।
Published on:
10 Jul 2021 06:12 pm
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