
मेरठ की स्टूडेंट ने कहा कि वास्तव में इस समय टीके की सबसे अधिक जरूरत उन लोगों को है, जिन्हें बाहर निकलना मजबूरी है
पत्रिका ग्राउंड रिपोर्ट
लखनऊ. Corona Vaccination in UP. राजधानी लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, मेरठ और गाजियाबाद सहित यूपी के सात जिलों में 18 साल की उम्र पार करने वालों का कोरोना का टीका लगना शुरू हो गया है। वैक्सीनेशन के बीच पत्रिका टीम ने वैक्सीनेशन सेंटर्स (Corona Vaccination) का रियलिटी चेक किया। तमाम ऐसे लोग भी वैक्सीनेशन के लिए आए थे जिनके मुकाबले दूसरों के लिए वैक्सीनेशन बेहद जरूरी है। लेकिन सरकार ने इन लोगों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन की कोई व्यवस्था नहीं की है। जबकि वास्तव में इस महामारी में फ्रंट लाइन पर काम कर रहे लोग जैसे दूधिया, पेपर हॉकर्स, ऑनलाइन डिलीवरी मैन, सब्जी वाले और साफ-सफाई करने वाले सुपर स्पे्रडर हो सकते हैं। कुछ ऐसे लोगों का भी वैक्सीनेशन के लिए पहले ही दिन नंबर आ गया जो लंबे समय से वर्क फ्रॉम होम हैं। ये महीने से घर में कैद हैं। ऐसे लोगों ने बातचीत में माना कि वैक्सीनेशन सबको करवाना है, लेकिन पहले जरूरत 'सुपर स्प्रेडर' को है न कि उन लोगों को जो वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं और कहीं आते-जाते नहीं हैं।
मेरठ के एडवोकेट रामकुमार ने बताया कि कचहरी बंद होने के कारण पिछले कई दिनों से घर पर हैं। कचहरी में कई लोग कोरोना पॉजिटिव मिले, इसलिए रजिस्ट्रेशन करवा लिया। मैसेज आते ही कोरोना की पहली डोज लगवा ली। एक मल्टीनेशनल कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर मेरठ के ही रोहित पांडे कहते हैं वर्क फ्रॉम होम हैं तो क्या हुआ। घर पर भी तो कोरोना हो सकता है? जबकि शताक्षी (स्टूडेंट) का कहना था कि वास्तव में इस समय टीके की सबसे अधिक जरूरत उन लोगों को है, जिन्हें बाहर निकलना मजबूरी है। लखनऊ के सिविल अस्पताल में वैक्सीनेशन करवाने पहुंचे लालबाग के अमृत पाल ने बताया कि रजिस्ट्रेशन के बाद उनका नंबर आ गया था, तो आ गए। लेकिन यह सही है कि वर्क फ्रॉम होम करने वाले घर पर रहकर ही अपना बचाव करते रहें और जब फ्रंट लाइन वर्कस को टीका लग जाए उसके बाद वह टीका लगवाएं।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में मुश्किलें
उत्तर प्रदेश में 18 वर्ष उम्र से ऊपर वालों को टीकाकरण के लिए कुल 1.1 करोड़ वैक्सीन की डोज मिली है, जबकि जरूरत करीब 9.28 करोड़ की है। ऐसी परिस्थिति में बेहद जरूरी है कि पहले उन लोगों को वैक्सीनेट किया जाए जिनसे कोरोना स्प्रेडिंग का खतरा सबसे ज्यादा है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में है। बहुत लोग खुद अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कर पा रहे हैं। लखनऊ बालागंज में रोजाना करीब 50 घरों में दूध की सप्लाई करने वाले सुधीर यादव (36) ने बताया ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना उनके बस की बात नहीं है। वहीं, चारबाग के सब्जी विक्रेता पुरुषोत्तम कहते हैं कि टीकाकरण करवाएंगे, लेकिन जब सीधे आधार कार्ड दिखाकर होगा।
क्या कहते हैं लोग
कोरोना वैक्सीनेशन सबसे पहले उनका किया जाए जो जरूरतमंद हैं। आवश्यक सेवाओं से जुड़े हैं। और जिन्हें घर से निकलना मजबूरी है। लोगों की सलाह है कि सरकार को पोलियो बूथ की तर्ज पर घर-घर जाकर कोरोना वैक्सीनेशन करना चाहिए। कई लोगों ने स्कूलों आदि छोटे-छोटे स्थानों पर वैक्सीनेशन करने की भी सलाह दी। कुछ लोगों ने दूध डेरी, सब्जी मंडी और चौराहों पर वैक्सीनेशन कराने की बात भी कही। ज्यादातर लोगों की राय थी कि जो पढ़े लिखे नहीं हैं और दूध-सब्जी आदि बेचने का काम करते हैं सरकार बिना पंजीकरण पहले उनका वैक्सीनेशन करे।
इनपुट- केपी त्रिपाठी, मेरठ
Published on:
01 May 2021 07:33 pm
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