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Corona: जून में आएगी कोरोना की चौथी लहर, चार महीने तक चलेगी Wave, अगस्त में रहेगा Peak पर

locationलखनऊPublished: Feb 27, 2022 03:28:10 pm

Submitted by:

Vivek Srivastava

कोविड की अगली यानी चौथी लहर 22 जून के आसपास आएगी। आइआइटी कानपुर के शोधकर्ताओं का कहना है कि कोविड 19 की चौथी लहर कम से कम चार महीने तक चलेगी और चौथी लहर का कर्व 15 अगस्त से 31 अगस्त तक पीक पर पहुंच जाएगा। इसके बाद इसमें कमी आनी शुरू हो जाएगी।

File Photo of Covid 19 Treatment in Hospital of Uttar Pradesh

File Photo of Covid 19 Treatment in Hospital of Uttar Pradesh

Corona: कोराना की तीसरी लहर अभी तक पूरी तरह खत्म भी नहीं हुई है कि इस बीच चौथी लहर की भविष्यवाणी हो गयी है। बताया जा रहा है कि जून के तीसरे हफ्ते में चौथी लहर शुरू हो सकती है जो अक्टूबर तक चलेगी। ये भविष्यवाणी की है आइआइटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने। यहाँ के रिसर्चरों का कहना है कि देश में कोविड की अगली यानी चौथी लहर 22 जून के आसपास आएगी जो कि 24 अक्टूबर तक चलेगी। आपको बता दें कि आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने इससे पहले कोरोना को लेकर जो भी अनुमान लगाये थे तकरीबन वे सब सही साबित हो चुके हैं। हालाँकि चौथी लहर कितनी खतरनाक होगी इसके जवाब में शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के सामने आने के बाद ही इसकी गंभीरता का पता चल पाएगा।
अगस्त में रहेगा पीक

आपको बता दें कि यह सांख्यिकीय भविष्यवाणी 24 फरवरी को प्रीप्रिंट सर्वर MedRxiv पर पब्लिश हुई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक आइआइटी कानपुर के शोधकर्ताओं का कहना है कि कोविड 19 की चौथी लहर कम से कम चार महीने तक चलेगी और चौथी लहर का कर्व 15 अगस्त से 31 अगस्त तक पीक पर पहुंच जाएगा। इसके बाद इसमें कमी आनी शुरू हो जाएगी।
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ओमिक्रॉन (Omicron) आखिरी वैरियंट नहीं था: WHO

ओमिक्रॉन के बाद वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ( WHO) के वैज्ञानिक भी कह चुके हैं कि यह आखिरी वैरियंट नहीं था। उन्होंने बताया था कि नया वैरियंट आने में वक्त लग सकता है पर आना तय है। साइंटिस्ट मारिय वान करखोफ ने बताया था कि कोरोना वायरस के म्यूटेशन को वैज्ञानिक लगातार ट्रेस कर रहे हैं।
‘बूटस्ट्रैप’ पैटर्न पर की गयी चौथी लहर की भविष्यवाणी

आइआइटी के शोधकर्ताओं ने चौथी लहर के पीक के समय बिंदु के गैप की गणना करने के लिए ‘बूटस्ट्रैप’ नामक एक पद्धति का इस्तेमाल किया। उनका कहना है कि इस पद्धति का इस्तेमाल कर दूसरे देशों में भी चौथी और अन्य लहर की भविष्यवाणी के लिए किया जा सकता है।
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सच हुए हैं इसके पहले के सभी अनुमान

आपको बता दें कि आइआइटी कानपुर के मैथमैटिक्स एंड स्टैटिस्टिक डिपार्टमेंट के एसपी राजेशभाई, सुभरा शंकर धर और शलभ ने इसके पहले कोरोना को लेकर जो भी अनुमान लगाये हैं वो सब तकरीबन सच साबित हो चुके हैं।

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