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ज्ञानवापी में शिवलिंग मिलने के बाद कोर्ट ने जारी किया आदेश, मुसलमानों का प्रवेश वर्जित

locationलखनऊPublished: May 16, 2022 02:20:33 pm

Submitted by:

Prashant Mishra

वादी पक्ष का पत्र प्राप्त होने के बाद दोपहर 12 बजे अदालत की ओर से इस सबंध में आदेश जारी कर दिया गया। अदालत ने आदेश में कहा कि ‘जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी को आदेशित किया जाता है कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है उस स्थान को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया जाए। सील किए गए स्थान पर किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित किया जाता है। जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी पुलिस कमिश्नर पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी तथा सीआरपीएफ कमांडेंट वाराणसी को आदेशित किया जाता है कि इस स्थान को सील किया जाए।

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वाराणसी. ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के दौरान सोमवार को साक्ष्य के तौर पर शिवलिंग मिला है। शिवलिंग मिलने के बाद वादी पक्ष के अधिवक्ताओं की ओर से अदालत में इसकी जानकारी देते हुए एक प्रार्थना पत्र दिया गया। प्रार्थना पत्र पर शिवलिंग की सुरक्षा को लेकर अदालत ने आदेश जारी किया। अधिवक्ता हरिशंकर जैन की ओर से प्रस्तुत कार्रवाई की रिपोर्ट को प्रार्थना पत्र के साथ सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया। प्रार्थना पत्र में कहा गया कि दिनांक 16 मई को शिवलिंग ज्ञानवापी कांप्लेक्स के अंदर एडवोकेट कमिश्नपर की कार्यवाही के दौरान मिला है। मामले के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण साक्ष्य है। लिहाजा, सीआरपीएफ कमांडेंट को आदेशित किया जाए कि वह इसे सील कर दें। कोर्ट से मांग की गई कि जिलाधिकारी वाराणसी को आदेशित किया जाए कि वहां मुसलमानों का प्रवेश वर्जित किया जाए। मात्र 20 मुसलमानों को नमाज अदा करने की इजाजत दी जाए और उन्हें वजू करने से भी तत्काल रोक लगा दी जाए।
कोर्ट ने जारी किया आदेश

वादी पक्ष का पत्र प्राप्त होने के बाद दोपहर 12 बजे अदालत की ओर से इस सबंध में आदेश जारी कर दिया गया। अदालत ने आदेश में कहा कि ‘जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी को आदेशित किया जाता है कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है उस स्थान को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया जाए। सील किए गए स्थान पर किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित किया जाता है। जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी पुलिस कमिश्नर पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी तथा सीआरपीएफ कमांडेंट वाराणसी को आदेशित किया जाता है कि इस स्थान को सील किया जाए।
वादी पक्ष का तर्क

शिवलिंग मिलने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि आदि विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग का असली स्थापना स्थल ज्ञानवापी था। वादी पक्ष को ओर से इस सम्बंध में यह तर्क दिया जा रहा है कि काशी विश्वकनाथ मंदिर परिक्षेत्र में मौजूद नंदी का मुख सदियों से इसी ओर विद्यमान है। हिंदू मान्यवता के अनुसार नंदी का मुख सदैव शिवलिंग की ओर ही होता है।
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