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लखनऊ बैकुंठ धाम में नई तकनीक से शुरू हुआ हरित शवदाह गृह, सुरक्षित होगा पर्यावरण

राजधानी लखनऊ के बैकुंठ धाम में नई तकनीक से हरित शवदाह गृह बनाया गया है। इस तकनीक में लकड़ी के कम इस्तेमाल से ही दाह संस्कार संपन्न हो जाएगा।

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लखनऊ बैकुंठ धाम में नई तकनीक से शुरू हुआ हरित शवदाह गृह, सुरक्षित होगा पर्यावरण

लखनऊ बैकुंठ धाम में नई तकनीक से शुरू हुआ हरित शवदाह गृह, सुरक्षित होगा पर्यावरण

लखनऊ. Lucknow Baikunth Dham. राजधानी लखनऊ के बैकुंठ धाम में नई तकनीक से हरित शवदाह गृह बनाया गया है। इस तकनीक में लकड़ी के कम इस्तेमाल से ही दाह संस्कार संपन्न हो जाएगा। प्रयोग के तौर पर गुलाला घाट पर हरित शवदाह तैयार किया गया था। अच्छे परिणाम मिलने के बाद बैकुंठ धाम में इसे तैयार किया गया है। एक कुंतल से भी कम में शव को पूरी तरह से जला दिया जाएगा। इससे लकड़ी के साथ-साथ समय और पर्यावरण दोनों की बचत होगी।

एक मशीन पर 54 हजार का खर्च

बैकुंठ धाम में दो मशीनें लगाई गई हैं। इनसे कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार होगा। एक मशीन पर 54 हजार रुपये का खर्च प्रस्तावित है। यह तकनीक कुछ इस तरह से काम करेगी कि मशीन को चारों तरफ ग्रिल के साथ एक प्लेटफार्म बनाया गया है। उसी पर पहले लकड़ी और उसके ऊपर शव को रखा जाएगा। सबसे नीचे एक प्लेट होगी जिसमें शव के जलने के बाद राख एकत्र हो जाएगी। आग लगने के बाद शव को ढक दिया जाएगा। आग को बढ़ाने के लिए हार्स पावर पंप से हवा अंदर भेजी जाएगी। वहीं, मशीन के चारों और एक मोटी चादर भी लगी होगी। मोटी चादर होने के कारण ऊर्जा बाहर नहीं निकलने पाएगी और शव का दाह संस्कार भी पूरा हो जाएगा। धुआं निकलने के लिए ऊंची चिमनी लगाई जाएगी, जिससे कि वायु प्रदूषण न हो।

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