अप्रैल से अक्टूबर के बीच बढ़ीं वारदातें, खुफिया एजेंसियां अलर्ट
भारत में इस साल अप्रैल से अक्टूबर तक कई स्कूलों, कॉलेजों, होटलों और हवाई अड्डों को बम की धमकी के ईमेल और कॉल मिले हैं। ये धमकियां दिल्ली, अहमदाबाद, बेंगलुरु, मुंबई और
जयपुर सहित कई शहरों में दी गई। इसको लेकर स्थानीय स्तर पर पुलिस प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। ज्यादातर धमकियां सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से दी गई हैं। अब मामलों की जांच के लिए केंद्र सरकार मेटा और एक्स जैसी सोशल मीडिया एजेंसियों की मदद लेने जा रही है।
मंत्रालय ने जारी की सख्त एडवाइजरी
आईएनएस न्यूज के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने शनिवार को एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें विभिन्न एयरलाइनों को मिल रही बम की फर्जी धमकियों के प्रसार को रोकने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित सभी मध्यस्थों की जिम्मेदारी तय की गई है और इन अफवाहों को रोकने में विफल रहने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
मोदी सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से एयरलाइनों को फर्जी बम धमकी के संदेशों के बारे में डेटा साझा करने के लिए कहा है और ऐसी गतिविधियों के पीछे के लोगों की पहचान करने के लिए कहा है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसार अनियंत्रित
इसके अलावा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फॉरवर्डिंग, री-शेयरिंग, री-पोस्टिंग, री-ट्वीट के विकल्प की उपलब्धता के कारण इस तरह की झूठी बम धमकियों के प्रसार का पैमाना खतरनाक रूप से अनियंत्रित पाया गया है। इस तरह की झूठी बम धमकियां ज्यादातर गलत सूचनाएं होती हैं, जो सार्वजनिक व्यवस्था, एयरलाइनों के संचालन और एयरलाइन यात्रियों की सुरक्षा को बड़े पैमाने पर बाधित करती हैं।