15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

CSIR-CDRI ने मानव संसाधन तैयार करने के लिए कौशल विकास कार्यक्रम किया आयोजित

-सीएसआईआर-सीडीआरआई की अस्पताल/डायग्नोस्टिक सेंटर/फोरेंसिक लैब हेतु कुशल मानव संसाधन तैयार करने की मुहिम - सीएसआईआर-सीडीआरआई, लखनऊ में कौशल विकास कार्यक्रम का नया बैच - सीएसआईआर के कौशल विकास पहल के तहत, सीएसआईआर-सीडीआरआई में बायोमेडिकल एप्लिकेशन के लिए पैथोलॉजिकल टूल और तकनीक सीखने का अवसर

less than 1 minute read
Google source verification

लखनऊ

image

Abhishek Gupta

Jan 09, 2020

CSIR-CDRI

CSIR-CDRI

लखनऊ. सीएसआईआर-सीडीआरआई, लखनऊ में सीएसआईआर ने डायग्नोस्टिक सेंटर, पैथोलॉजी लैब्स, फॉरेंसिक लैब्स, अस्पताल, अनुसंधान संस्थान एवं उद्योग के लिए कुशल मानव संसाधन तैयार करने के लिए एक कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें प्रतिभागियों को सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों तरह के प्रशिक्षण दिये जा रहे हैं।

पैथोलॉजी लैब्स में प्रयुक्त बुनियादी प्रयोगशाला उपकरणों एवं पैथोलॉजिकल तकनीकों का सामान्य परिचय एवं व्यवहारिक अनुभव के साथ-साथ निम्न विषयों का सामान्य परिचय, जैसे प्रयोगशाला जंतुओं के रक्त का संग्रह और नेक्रोप्सी; क्लिनिकल पैथोलॉजी हेतु नमूने लेना और उनकी लेबलिंग; रिकॉर्ड कीपिंग; विभिन्न स्टेंस और अभिकर्मकों की तैयारी, मल- मूत्र परीक्षण और हिमेटोलॉजी विश्लेषण; ब्लड स्मीयर तैयार करना और डिफ़्रेंशियल ल्यूकोसाइट काउंट (डीएलसी) विश्लेषण, बायोप्सी कर सेंपल का साइटोलॉजिकल विश्लेषण करना; स्टेंस (रंजकों) की तैयारी और लीशमैन / जिमसा आदि स्टेनिंग जैसे बुनियादी तकनीकों के साथ-साथ माइक्रोन्यूक्लियस टेस्ट, क्रोमोसोमल एबरेशन, बैक्टीरियल रिवर्स म्यूटेशन एसे (एम्स टेस्ट) जैसे अति विशिष्ट जीनोटॉक्सिसिटी टेस्ट प्रक्रियाओं का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रतिभागियों को संप्रेषण (संचार) कौशल, गुणवत्ता नियंत्रण और प्रयोगशाला संगठन और प्रबंधन के लिए भी विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है।

इस पाठ्यक्रम के माध्यम से चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में आवश्यक पैथोलॉजिकल उपकरण और तकनीकों के बायोमेडिकल एप्लिकेशन के विशेषज्ञता वाले टेकनीशियनों की कमी को दूर किया जा सकेगा। साथ ही युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे, जिस से देश की चिकित्सा सेवाओ में कुशल मानव संसाधन की कमी को पूरा किया जा सकेगा।