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UP Red And Orange Zone: घनी धुंध ने बढ़ाई आफत, यूपी में हवा जहरीली, रेड-ऑरेंज जोन में एक्यूआई, स्कूल बंद, अस्पतालों में बढ़े मरीज

Dense Smog Turns Air Toxic Across UP: उत्तर प्रदेश में घनी धुंध और कोहरे के चलते हवा बेहद जहरीली हो गई है। कई जिलों में वायु गुणवत्ता सूचकांक रेड और ऑरेंज जोन में पहुंच गया है। बढ़ते प्रदूषण का असर जनजीवन पर साफ दिख रहा है,स्कूल बंद हुए हैं और अस्पतालों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Dec 15, 2025

स्कूलों पर पड़ा असर, अस्पतालों में सांस और आंखों के मरीज बढ़े (फोटो सोर्स : WhatsApp News Group)

स्कूलों पर पड़ा असर, अस्पतालों में सांस और आंखों के मरीज बढ़े (फोटो सोर्स : WhatsApp News Group)

UP Pollution Red And Orange Zone: उत्तर प्रदेश में सर्दी के साथ आई घनी धुंध ने अब लोगों की सेहत पर सीधा असर डालना शुरू कर दिया है। राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के कई बड़े शहरों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) रेड जोन, तो कई जगह ऑरेंज जोन में दर्ज किया गया है। प्रदूषण और धुंध के इस दोहरे संकट के चलते जहां स्कूलों को बंद करना पड़ा, वहीं अस्पतालों में सांस, दमा, आंखों में जलन और एलर्जी के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अगले कुछ दिनों में हवा की दिशा और रफ्तार में बड़ा बदलाव नहीं हुआ, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।

राजधानी समेत कई जिलों में जहरीली हवा

पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में मौसम स्थिर बना हुआ है। हवा की गति बेहद धीमी होने और नमी बढ़ने से धुंध और कोहरा छाया हुआ है। इसी वजह से प्रदूषण के  कण वातावरण में ही फंसे हुए हैं और हवा जहरीली होती जा रही है।
राजधानी लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, आगरा, मेरठ और वाराणसी जैसे शहरों में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक बना हुआ है। कई इलाकों में सुबह के समय दृश्यता बेहद कम हो गई है, जिससे सड़क और रेल यातायात भी प्रभावित हो रहा है।

लखनऊ में हालात सबसे ज्यादा चिंताजनक

राजधानी लखनऊ में धुंध और प्रदूषण का असर सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। रविवार को शहर के कई इलाकों में एक्यूआई खराब से बेहद खराब श्रेणी में दर्ज किया गया।

  • प्रमुख इलाकों में AQI की स्थिति
  • तालकटोरा – 318 (रेड जोन, बेहद खराब)
  • लालबाग – 244 (ऑरेंज जोन, खराब)
  • अलीगंज – 219 (ऑरेंज जोन, खराब)
  • गोमतीनगर – 195 (मध्यम)
  • बीबीएयू – 170 (मध्यम)
  • कुकरैल – 111 (मध्यम)

विशेषज्ञों के अनुसार, 300 से ऊपर का एक्यूआई स्वस्थ व्यक्ति के लिए भी खतरनाक माना जाता है, जबकि बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों के लिए यह गंभीर जोखिम पैदा करता है।

स्कूलों पर पड़ा असर, कई जगह बंद

प्रदूषण और ठंड के बढ़ते असर को देखते हुए कई जिलों में कक्षा 1 से 8 तक के स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। कुछ जिलों में स्कूलों का समय बदला गया है, तो कहीं ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कराई गई हैं। शिक्षा विभाग का कहना है कि बच्चों की सेहत को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। छोटे बच्चों में सांस लेने में तकलीफ, खांसी और आंखों में जलन की शिकायतें लगातार बढ़ रही थीं।

अस्पतालों में मरीजों की बढ़ी भीड़

प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर अस्पतालों में देखने को मिल रहा है। लखनऊ, कानपुर और नोएडा के सरकारी और निजी अस्पतालों में दमा, सांस फूलना, सीने में जकड़न, आंखों में जलन और त्वचा एलर्जी के मरीजों की संख्या में 20 से 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

डॉक्टरों का कहना है कि अस्थमा और सीओपीडी के मरीजों की हालत ज्यादा बिगड़ रही है। बुजुर्गों और बच्चों को ज्यादा परेशानी हो रही है। सुबह और देर शाम बाहर निकलना जोखिम भरा हो गया है। केजीएमयू और लोहिया संस्थान के डॉक्टरों ने लोगों को अनावश्यक बाहर न निकलने और मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह दी है।

मौसम विभाग का क्या कहना है

आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार फिलहाल हवा की रफ्तार काफी कम है और नमी ज्यादा है, जिससे धुंध और प्रदूषण बढ़ा है। अगले एक-दो दिनों में हवा की दिशा बदलने और पछुआ हवाएं चलने की संभावना है। इससे तापमान में गिरावट होगी और कोहरे में कुछ हद तक कमी आ सकती है। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि ठंड और गलन और बढ़ेगी, जिससे बुजुर्गों और बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होगी।

तापमान में गिरावट के संकेत

  • रविवार को लखनऊ का
  • अधिकतम तापमान 25.4 डिग्री सेल्सियस
  • न्यूनतम तापमान 10.5 डिग्री सेल्सियस

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रिकॉर्ड किया गया। आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान और गिर सकता है, जिससे ठंड और कोहरा और बढ़ने की संभावना है।

क्यों बढ़ रहा है प्रदूषण

  • विशेषज्ञों के मुताबिक, प्रदूषण बढ़ने के पीछे कई कारण हैं
  • वाहनों का बढ़ता धुआं
  • निर्माण कार्यों से उड़ती धूल
  • पराली और कचरा जलाना
  • हवा की कम गति
  • नमी और ठंड का असर

इन सभी कारणों से प्रदूषक तत्व वातावरण में ही जमा हो रहे हैं।

प्रशासन की अपील

प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि सुबह-शाम बाहर निकलने से बचें। मास्क का इस्तेमाल जरूर करें। बच्चों और बुजुर्गों को खास ध्यान में रखें। सांस की तकलीफ होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके साथ ही निर्माण कार्यों और खुले में कचरा जलाने पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। धुंध और जहरीली हवा से आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। सुबह के समय सड़क हादसों का खतरा बढ़ गया है। ट्रेन और फ्लाइट सेवाओं पर भी असर पड़ रहा है। लोग आंखों में जलन और गले में खराश की शिकायत कर रहे हैं।