नोट बदलने में निजी ही नहीं राष्ट्रीयकृत बैंक भी आरबीआई के नियम मानने को तैयार नहीं। तीसरे दिन भी बैंक अपनी शर्तो और नियमों पर ही नोट बदल रहे थे। फार्म भरने के साथ आईडी नम्बर लिखवाना, आधार व वोटर कार्ड की फोटोकॉपी व जमा किए जा रहे नोटों के नंबर भी दर्ज करवा रहे थे। हिन्दुस्तान ने शहर के बैंकों की स्थिति जानी। इस दौरान एक बैंक के अधिकारी ग्राहकों पर झुंझला गए। ग्राहकों से आईडी को लेकर बैंक अधिकारियों की जिरह होने लगी है।
कैशियर ने झुंझला कर कहा, गुम्मा लाओ मार दो
गोमतीनगर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में फार्म तो नहीं भरना था लेकिन नोट बदलने के लिए कैश काउंटर पर आईडी की मूल प्रति दिखानी पड़ी। यहां नोट बदलने पहुंचे चिनहट निवासी सविनय गुप्ता ने दलील दी कि रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक नोट बदलने के लिए कोई आईडी नहीं देना है। इतना सुनते ही कैशियर आवेश में आ गए। बोले, एक गुम्मा ले आओ मेरे सिर पर मार दो। उन्होंने एक फार्मेट दिखाया।
जिस पर नोट की संख्या, नाम, और आईडी नम्बर उन्हें लिखना था। बोले कि अब यह भरना है तो आईडी दिखना ही पड़ेगा। मूल आईडी लेकर आइए, आईडी मिलान करूंगा तब नोट बदलकर दूंगा। कैशियर के रवैये से लोग परेशान दिखे। नोट बदलने की प्रक्रिया में काफी इंतजार भी करना पड़ रहा था। कई लोगों को देरी की वजह से लौटना भी पड़ा था।