
मोदी कार्यक्रम से पहले लखनऊ में गमलों की चोरी, बड़ी गाड़ियों में भरकर ले जाते दिखे लोग (फोटो सोर्स : WhatsApp News Group)
Social Media Viral: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार वजह विकास, संस्कृति या तहज़ीब नहीं, बल्कि एक शर्मनाक घटना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित कार्यक्रम से पहले राष्ट्र प्रेरणा स्थल, हरदोई रोड पर सजावट के लिए लगाए गए फूलों के गमले चोरी करते लोगों का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो ने न केवल प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि लखनऊ की सामाजिक सोच और नागरिक जिम्मेदारी पर भी गहरी चोट की है।
वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कार्यक्रम स्थल और उसके आसपास लगाए गए बड़े-बड़े सजावटी गमलों को लोग बेझिझक उठाकर ले जा रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि ये लोग पैदल नहीं, बल्कि बड़ी-बड़ी गाड़ियों एसयूवी और कारों में गमले भरकर ले जाते दिखाई दे रहे हैं। न कोई डर, न कोई संकोच, मानो सार्वजनिक संपत्ति उनकी निजी जागीर हो। वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। लोग सवाल पूछ रहे हैं-क्या यही है लखनऊ की पहचान? क्या यही स्मार्ट सिटी का सच है?
राष्ट्र प्रेरणा स्थल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम को लेकर प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की थीं। सड़क किनारे, चौराहों और कार्यक्रम स्थल के आसपास सुंदर फूलों के गमले लगाए गए थे, ताकि शहर की छवि सुंदर और व्यवस्थित दिखाई दे। ये गमले सरकारी धन से लगाए गए थे, जिनका उद्देश्य शहर की सजावट और स्वागत की भावना को दर्शाना था। लेकिन कुछ लोगों ने इस अवसर को नागरिक कर्तव्य निभाने की बजाय निजी लाभ का मौका समझ लिया। सार्वजनिक संपत्ति की इस खुलेआम लूट ने प्रशासन और आम जनता दोनों को शर्मसार कर दिया है।
इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक निगरानी पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। इतने महत्वपूर्ण कार्यक्रम से पहले, जहां भारी पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी तैनात रहते हैं, वहां इस तरह से गमलों की चोरी कैसे हो गई।
क्या सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे। क्या मौके पर तैनात कर्मियों की लापरवाही इसके लिए जिम्मेदार है। प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक वायरल वीडियो के आधार पर जांच के आदेश दिए जा सकते हैं।
सोशल मीडिया पर लोग इस घटना को लेकर खासे नाराज हैं। कई यूजर्स ने इसे “मानसिक दिवालियापन” बताया तो कुछ ने लिखा कि “यही कारण है कि सार्वजनिक संपत्ति सुरक्षित नहीं रह पाती।” एक यूजर ने लिखा -“गमले चुराने वाले ये लोग किसी पार्टी या नेता का नहीं, बल्कि पूरे समाज का आईना हैं।”कुछ लोगों ने यह भी सवाल उठाया कि जब लोग खुलेआम इस तरह चोरी कर सकते हैं, तो आम दिनों में सार्वजनिक संपत्ति का क्या हाल होता होगा।
लखनऊ को हमेशा से अपनी नज़ाकत, तहज़ीब और संस्कारों के लिए जाना जाता रहा है। यहां के लोग मेहमाननवाजी और शालीन व्यवहार के लिए पहचाने जाते हैं। लेकिन इस घटना ने उस छवि को गहरी ठेस पहुंचाई है। फूलों के गमले चुराने की यह घटना सिर्फ चोरी नहीं, बल्कि नागरिक सोच के गिरते स्तर का संकेत है।
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि वीडियो में दिख रहे लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि अगर ऐसे मामलों में उदाहरण पेश नहीं किया गया, तो सार्वजनिक संपत्ति की लूट इसी तरह जारी रहेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल कानून-व्यवस्था का मामला नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता का भी प्रश्न है। जब तक लोगों में सार्वजनिक संपत्ति को लेकर जिम्मेदारी की भावना नहीं आएगी, तब तक ऐसे घटनाक्रम रुकना मुश्किल है।
Updated on:
26 Dec 2025 09:32 am
Published on:
26 Dec 2025 09:24 am
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