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वंचित वर्ग के लोगों के विकास के लिए प्रयासरत सर्वेभ्यो फाउंडेशन, छोटे बच्चों से लेकर कामवाली बाईयों को मिलती है शिक्षा

सर्वेभ्यो फाउंडेशन का मानना है कि वंचित वर्ग के लोग जहां निवास करते हैं, वहीं आसपास छोटे-छोटे स्कूलों/क्लासेज की स्थापना करनी चाहिए

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वंचित वर्ग के लोगों के विकास के लिए प्रयासरत सर्वेभ्यो फाउंडेशन, छोटे बच्चों से लेकर कामवाली बाईयों को मिलती है शिक्षा

लखनऊ. सर्वेभ्यो फाउंडेशन के अंतर्गत वंचित वर्ग के बच्चों को शिक्षा दिया जाता है। फाउंडेशन का मानना है कि वंचित वर्ग के लोग जहां निवास करते हैं, वहीं आसपास छोटे-छोटे स्कूलों/क्लासेज की स्थापना करनी चाहिए। ये एक कड़वी सच्चाई है कि वंचित वर्ग के बच्चे अपनी घर की आजीवका चलाने के लिए तरह-तरह के काम करते हैं, जिससे कुछ आमदनी हो सके। इसलिए जरूरी है की स्कूल उनके पास पहुंचे और उनको पढ़ने के लिए उत्साहित करे। सर्वेभ्यो कोशिश कर रही है कि ऐसे पॉकेट्स को चिन्हित करके उनके आसपास के प्राइवेट स्कूल से संपर्क कर रेगुलर स्कूल के बाद दोपहर में कुछ क्लासरूम, क्लासेज चलाने के लिए अनुमति मांगती है। विशेष खंड के स्कूल 'लिटिल फ्रेंड्स' की प्रिंसिपल शाहीन अहमद ने अपने स्कूल में चलाने की अनुमति दी कर हमारी सोच को पंख दिए हैं।

स्कूल बच्चों के समग्र विकास के लिए प्रयासरत

सबके लिए स्कूल बच्चों के समग्र विकास के लिए प्रयासरत है। इसके अंतर्गत बच्चों को शैक्षिक ज्ञान प्रदान करने के साथ-साथ उनको खेलकूद, व्यायाम, संगीत, नृत्य की शिक्षा भी दी जाती है। स्कूल में छोटे से लेकर बड़े आयु के बच्चों से लेकर घरों में काम करने वाली महिलाएं पढ़ रही है। इनमे बहुत से बच्चें ऐसे हैं जो किसी भी रेगुलर स्कूल में नहीं जाते है। यह स्कूल उन सभी बच्चों के लिए चलाया जा रहा है, जिनके अंदर पढ़ने की तो बहुत इच्छा है परन्तु आर्थिक परिस्थिति या किसी अन्य कारण उन्हें स्कूल जाने का मौका नहीं मिला। अगर मिला भी है तो उनके माता पिता अशिक्षित होने के कारण उनकी पढ़ाई में कोई मदद नहीं कर पा रहे हैं।

शहीद वीर जवानों के परिवार वालों को नौकरी दिलाने का काम

सर्वेभ्यो इसके अलावा शहीद वीर जवानों के परिवार वालों और समाज में नौजवानों को नौकरी में मदद हेतु भी काम कर रही है। सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक और शहीदों के परिवार से मिलकर व उनकी समस्याओं को समझकर सर्वेभ्यो फाउंडेशन इनकी मदद करती है।