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यूपी डीजीपी ओपी सिंह की सुरक्षा एटीएस के हवाले, इन कारणों से हटाए गए पीएसी के जवान

डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने अपनी सुरक्षा में किया बड़ा बदलाव।

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लखनऊ

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Dhirendra Singh

Feb 10, 2018

Barabanki SP issue, why DGP is not meeting in this regard

Barabanki SP issue, why DGP is not meeting in this regard

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के नए डीजीपी ओम प्रकाश सिंह को अपने सुरक्षाकर्मियों पर भरोसा नहीं रहा। डीजीपी ओपी सिंह की एक परीक्षा में उनके सभी सुरक्षाकर्मी खरे नहीं उतरे। इसके बाद यूपी के कई पूर्व डीजीपी की सुरक्षा का जिम्मा संभाल चुके पीएसी के जवानों को हटाने का फैसला लिया गया है। अब इनकी जगह डीजीपी के सुरक्षा एटीएस के कमांडो संभालेंगे। वहीं उनकी सुरक्षा से जुड़ा प्लान भी एटीएस ही तैयार करेगी।

डीजीपी की परीक्षा में फेल हुए जवान, एटीएस को मिली कमान
डीजीपी ओम प्रकाश सिंह सख्त मिजाज के आईपीएस अफसर हैं। उन्होंने प्रदेश की सुरक्षा के साथ ही अपनी सुरक्षा में लगे जवान का भी मुआयना किया। लेकिन डीजीपी सुरक्षा में लगे पीएसी जवानों की अपने हथियारों पर कमांड हो होना डीजीपी ओपी सिंह को नागवारा गुजरी। डीजीपी ओपी सिंह ने पीएसी जवानों के पास मौजूद एमपी 5 गन के बारे में उसने पूछताछ की। जब डीजीपी ने उनसे एमपी 5 गन की खासियत के बारे में पूछा तो जवाब नहीं मिला। वहीं उन्होंने एमपी 5 गन को लोड करने से लेकर चलाने की प्रक्रिया जाननी चाहिए, तब भी जवानों के जवाब डीजीपी के सवालों पर खरे नहीं उतरे। इससे नराजा डीजीपी ने पीएसी के स्कार्ट अपनी सुरक्षा से हटाने के निर्देश दिए।

ड्राइवर से लेकर सुरक्षाकर्मी होंगे एटीएस के कमांडो
डीजीपी ओम प्रकाश सिंह की नाराजगी के बाद अब उनकी सुरक्षा का जिम्मा एटीएस के कमांडो को सौंपने की कवायद लगभग पूरी हो चुकी है। डीजीपी ओपी सिंह की सुरक्षा में अब उनके ड्राइवर से लेकर अन्य सुरक्षाकर्मी एटीएस के कमांडो ही होंगे। वहीं डीजीपी का पीएसओ (निजी सुरक्षा अधिकारी) भी एटीएस का ही होगा। डीजीपी की सुरक्षा के लिए एटीएस फुल प्रूफ प्लान भी तैयार कर रही है।

जानें एमपी 5 गन की खासियत
एमपी 5 गन मशीन गन और पिस्टल का मिलाजुला वर्जन है। जो कि सब-मशीन गन से भी हल्की होती है। इसके जरिये एक मिनट में 600 से 800 राउंड गोलियां चलाई जा सकती है। 25 से 100 मीटर की रेंज में सधी हुई लगातार फायरिंग के लिए इसका ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।