गुरुवार शाम करीब 7 बजे थाना कृष्णा नगर के अंतर्गत विजय नगर में एक व्यक्ति नशे के हालात में चोटिल पड़ा था। चश्मदीदों की माने तो वह नशे में था और किसी बड़ी गाडी से टक्कर होने के चलते घायल पड़ा था। मौके पर मौजूद अलंकृत बाजपाई ने बताया कि वह विजय नगर में ही रहते हैं और उस दौरान वहां से गुज़र रहे थे जब उन्होंने भीड़ लगी देखी। अलंकृत ने बताया कि वहां मौजूद लोग पहले से 100/108 पर फ़ोन मिला रहे थे। पीड़ित व्यक्ति के सिर पर ज़्यादा चोट लगने के चलते वह अचेत पड़ा हुआ था। अलंकृत ने बताया कि खून काफी बह चुका था। ज़मीन पर पड़ा खून सूखने लगा था और सिर में क्लोटिंग हो रही थी। अलंकृत ने और इंतज़ार करा उचित नहीं समझा और दो अन्य लोगों की मदद से उसे ऑटो में बिठा लोक बंधू हॉस्पिटल से गए।

100 नंबर पर 11 कॉल, 108 पर सिर्फ होल्डअलंकृत ने बताया की पीड़ित व्यक्ति कुछ भी बताने में असमर्थ था। उसकी जेब में कोई आइडेंटिटी कार्ड भी नहीं था। ऐसे में उसे अस्पताल में एडमिट करने में मुश्किल होती और परिवारजनों तक खबर भी न पहुंच पाती। इसलिए पुलिस की मदद लेने के कॉल किया जा रहा था।

अलंकृत द्वारा दी जानकारी के अनुसार 100 नंबर पर थोड़ी-थोड़ी देर के अंतराल पर लगातार कॉल की जा रही थी लेकिन नंबर व्यस्त होने का सन्देश सुनाई देता रहा। वही 108 पर दो बार कॉल उठा और परेशान न होने की बात कहते हुए होल्ड पर डॉल दिया गया। करीब 3 मिनट तक लाइन होल्ड रही तो फ़ोन काट कर फिर मिलाया गया। दूसरी बार वही हुआ, होल्ड। इसके बाद ज़िम्मेदारी को समझते हुए अलंकृत और साथी उसे लेकर लोक बंधू अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टर ने पीड़ित को एडमिट कर पुलिस को सूचना पहुंचाने की बात कही।

अलंकृत ने पत्रिका से कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन सुविधाओं की सबसे अधिक जरूरत होती है उन्ही का यह हाल है। ज़्यादा कुछ न बोलते हुए बस इतना कहूंगा
'HUMANITY PREVAILS AND THE SYSTEM FAILS'क्या कहते हैं ज़िम्मेदार