
साल 2019 में उनके खिलाफ एटीएम कैश डिपोजिट कंपनी सीएमएस (CMS) ने केस दर्ज किया था, जिसमें आरोप है कि उन्होंने अपने एक कारिंदे के साथ पैसा गायब करने का योजना बनाई थी।
लखनऊ में पुलिस विभाग ने गाजियाबाद की पुलिस इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान के खिलाफ एक धोखाधड़ी मुकदमा दर्ज किया है। इस मुकदमे में उन्हें अपने खिलाफ झूठा एफीडेविट देने और प्रमोशन प्राप्त करके डिप्टी एसपी बनने का आरोप है। लक्ष्मी सिंह चौहान, जो गाजियाबाद के लिंक रोड थानेदार रहती थीं, इस मामले में एक एटीएम डिपोजिट कंपनी के साथ मिलकर डेढ़ करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोपी बन गई हैं।
साल 2019 में उनके खिलाफ एटीएम कैश डिपोजिट कंपनी सीएमएस (CMS) ने केस दर्ज किया था, जिसमें आरोप है कि उन्होंने अपने एक कारिंदे के साथ पैसा गायब करने का योजना बनाई थी। पुलिस के मुताबिक, उनकी गिरफ्तारी के साथ 45 लाख रुपये बरामद हुए थे, जो एक करोड़ रुपये से भी ज्यादा की बरामदगी थी।
लक्ष्मी सिंह चौहान के सरकारी आवास से एक लाख रुपये से ज्यादा की रकम सीएमएस कंपनी के बैग में बरामद हो गई थी, और इसके परिणामस्वरूप उन्हें जेल की सजा हो गई थी।
इस मामले में इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान और उनके तीन कारिंदों के खिलाफ भ्रष्टाचार और कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है। पुलिस अफसरों के अनुसार, इस मुकदमे में सीसीटीवी भी हाथ लगी है, जिसमें दिखाया गया है कि इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान नोटों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट कर रही थीं।
इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान ने नवम्बर 2019 में मेरठ की एंटी करप्शन कोर्ट में सरेंडर किया और जेल में कई महीने बिताए। जमानत पर रिहा होने के बाद, उनका सस्पैंशन रद्द किया गया और उन्हें प्रमोशन के बाद आगरा में पोस्ट किया गया।
इस मामले में विभाग ने लक्ष्मी सिंह चौहान के खिलाफ धोखाधड़ी करने का मुकदमा लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाने में दर्ज कराया है।
Published on:
01 Mar 2024 01:57 pm
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