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Yogi Cabinet: खरमास खत्म होते ही योगी मंत्रिपरिषद का विस्तार : तीसरे ‘डिप्टी’ के लिए दलित महिला पर कयास

Yogi Cabinet Expansion After Kharmas: खरमास समाप्त होते ही उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारियां शुरू हो गई हैं। चर्चा है कि नए साल में एक और डिप्टी सीएम बनाए जाने की संभावना है, जो दलित महिला हो सकती हैं। मंत्रिमंडल में नए नाम और विभागों में फेरबदल की भी संभावना जताई जा रही है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Dec 18, 2025

डॉ.मनोज पांडेय, पूजा पाल, भूपेंद्र चौधरी, डॉ.महेंद्र सिंह, पंकज सिंह, डॉ.आशीष 'आशु' की खुल सकती लॉटरी, पश्चिम, बुंदेलखंड और बृज उपेक्षा का शोर (फोटो सोर्स : WhatsApp News Group)

डॉ.मनोज पांडेय, पूजा पाल, भूपेंद्र चौधरी, डॉ.महेंद्र सिंह, पंकज सिंह, डॉ.आशीष 'आशु' की खुल सकती लॉटरी, पश्चिम, बुंदेलखंड और बृज उपेक्षा का शोर (फोटो सोर्स : WhatsApp News Group)

रितेश सिंह/लखनऊ
Yogi Cabinet Update: उत्तर प्रदेश राजनीति और सरकार में खरमास खत्म होते ही बदलाव के आसार हैं। योगी सरकार के मंत्रिपरिषद विस्तार को लेकर सियासी हलचल तेज है। सूत्रों की मानें तो नए साल की शुरुआत में मंत्रिपरिषद में कई परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। खासकर तीसरे 'डिप्टी' सीएम के रूप में दलित महिला नेता की चर्चा उछाल पर है।

राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा में लंबे समय से दलित महिला प्रतिनिधित्व को लेकर मांग चल रही थी। अब इस दिशा में योगी सरकार सकारात्मक संकेत दे रही है। मंत्रिपरिषद विस्तार में न केवल नए चेहरों को शामिल किया जाएगा, बल्कि कई मौजूदा मंत्रियों के विभागों में फेरबदल और कुछ को नए जिम्मेवारी सौंपने की संभावना भी है।

नामों पर चर्चा : किसकी खुल सकती है लॉटरी

सूत्रों के अनुसार, वर्तमान में जिन नेताओं के नाम मंत्रिपरिषद विस्तार और संभावित डिप्टी सीएम के लिए चर्चा में हैं, उनमें प्रमुख हैं :

बेबी रानी मौर्य : आगरा से विधायक बेबी रानी मौर्य जाटव समाज से आती हैं। भाजपा ने उन्हें उत्तराखंड राजभवन से वापस बुलाकर उत्तर प्रदेश के राजनीति में सक्रिय किया गया। श्रीमती मौर्य अभी कैबिनेट मंत्री हैं। पार्टी उनको योगी सरकार में तीसरा 'डिप्टी' बना सकती है। बेबी रानी मौर्य के जरिए भाजपा 'महिला', 'दलित जाटव' और 'पश्चिम का कोटा' भरने के तीन समीकरण एक साथ साध सकती है।

डॉ.मनोज पांडेय : सपा से बगावत करके भाजपा में आए डॉ.मनोज पांडेय अखिलेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं। क्रॉस वोटिंग करने के बाद भाजपा के दरवाजे पर  हैं। विधानसभा और संगठन में काम करने के अनुभव के कारण मंत्री पद की संभावना है।

पूजा पाल : प्रयागराज के चायल से सपा विधायक पूजा पाल सदन में योगी सरकार के लिए सबसे मुफीद साबित हो रही हैं। पिछड़े वर्ग से आने वाली पूजा पाल बसपा के दिवंगत विधायक राजू पाल की विधवा हैं। उनका पति की हत्या का आरोप अतीक अहमद पर है।

भूपेंद्र सिंह चौधरी : भाजपा के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष हैं। अध्यक्ष बनने से पूर्व सरकार में पंचायती राज मंत्री रह चुके हैं। संगठन और सरकार दोनों का अनुभव होने और पश्चिम के जाटलैंड से होने के कारण नए जिम्मेदारी मिलने की संभावना है।

डॉ.महेंद्र सिंह : विधान परिषद के सदस्य होने के नाते, उनके शामिल होने से मंत्रिमंडल में अनुभव और संतुलन आएगा। डॉ. महेन्द्र सिंह लंबे समय से संगठन में राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय हैं। योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल में जल शक्ति मंत्री भी रह चुके हैं।

पंकज सिंह : नोएडा से लगातार तीसरी बार विधायक पंकज सिंह संगठन में लंबे समय से सक्रिय हैं। पार्टी के प्रदेश महामंत्री और प्रदेश उपाध्यक्ष का दायित्व निर्वहन किया है। पार्टी के युवा चेहरे का प्रतिनिधित्व करते हैं, ऐसे में उन्हें नए विभाग का प्रभार मिलने की चर्चा है। इसके अलावा, कुछ मौजूदा मंत्रियों के विभाग बदलने या कुछ को समान जिम्मेदारी के साथ दोबारा मंत्री बनाए जाने की संभावना भी है।

दलित महिला डिप्टी सीएम की संभावना

मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे बड़ा आकर्षण डिप्टी सीएम पद है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम सरकार की सामाजिक संतुलन और अल्पसंख्यक वर्ग के नेतृत्व में समावेश को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि पार्टी नेतृत्व दलित महिला नेता को यह जिम्मेदारी देकर प्रदेश की सियासी और सामाजिक विविधता को मजबूत करना चाहता है। इससे न केवल समाज के पिछड़े वर्गों में उत्साह बढ़ेगा, बल्कि आने वाले चुनावों में भी यह सरकार के पक्ष में सकारात्मक संदेश देगा।

मंत्रिमंडल विस्तार का राजनीतिक महत्व

योगी मंत्रिमंडल विस्तार के पीछे सिर्फ प्रशासनिक कारण नहीं हैं, बल्कि इसमें कई राजनीतिक रणनीतियाँ भी जुड़ी हैं।

  • सामाजिक संतुलन : दलित, महिला और युवा नेताओं को शामिल कर समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना।
  • जनप्रियता बढ़ाना : नए चेहरों और लोकप्रिय नेताओं को जिम्मेदारी देकर जनता के बीच सरकार की साख मजबूत करना।
  • भ्रष्टाचार और कार्यकुशलता पर संदेश: कुछ मंत्रियों को हटाकर या उनके विभाग बदलकर कार्यकुशलता और जवाबदेही बढ़ाना।
  • आगामी चुनाव की तैयारी : मंत्रिमंडल में फेरबदल से पार्टी स्थानीय और विधानसभा चुनावों में संतुलन बनाने की तैयारी कर रही है।

विश्लेषकों का कहना है कि नए साल में होने वाला यह विस्तार राजनीतिक संदेश के साथ-साथ प्रशासनिक मजबूती का संकेत भी है।

पूर्व अनुभव और संगठनात्मक भूमिका

जो नेता मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं, उनमें कई पूर्व में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं और संगठनात्मक अनुभव रखते हैं। यह अनुभव नए मंत्रिमंडल को स्थिरता और संतुलन प्रदान करेगा।

मौजूदा मंत्रियों में बदलाव की संभावना

सूत्रों की मानें तो केवल नए चेहरों को शामिल करना ही नहीं, बल्कि मौजूदा मंत्रियों के विभाग बदलने की भी संभावना है। इसका उद्देश्य:

  • कार्यकुशलता बढ़ाना
  • जवाबदेही सुनिश्चित करना
  • क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन बनाए रखना

विशेषज्ञों का कहना है कि मंत्रिमंडल में यह बदलाव सरकार के समग्र प्रदर्शन और जनता के विश्वास को मजबूत करने के लिए जरूरी है।

राजनीतिक विश्लेषकों की राय

राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि इस मंत्रिमंडल विस्तार में योगी सरकार संतुलित प्रतिनिधित्व और चुनावी रणनीति दोनों को ध्यान में रख रही है। डिप्टी सीएम पद पर दलित महिला का नाम चर्चा में है, यह संकेत देता है कि सरकार सामाजिक न्याय और समावेशिता पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके अलावा नए मंत्रियों के चयन और विभागों में फेरबदल से प्रशासनिक मजबूती भी बढ़ेगी।"

समाज और जनता पर असर

मंत्रिमंडल विस्तार और डिप्टी सीएम की नियुक्ति का सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव भी देखा जा रहा है।

  • दलित महिलाओं में उत्साह और राजनीतिक भागीदारी बढ़ सकती है
  • युवाओं में राजनीति में सक्रिय होने की प्रेरणा मिलेगी
  • पार्टी को स्थानीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाने में मदद

विशेषज्ञों का मानना है कि यह विस्तार सरकार की लोकप्रियता और सामाजिक संतुलन दोनों को मजबूती देगा।

सम्भावित तारीख और समय

सूत्रों की मानें तो खरमास समाप्त होने के तुरंत बाद मंत्रिमंडल विस्तार की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। नए मंत्रियों की शपथ समारोह की तारीख और डिप्टी सीएम की नियुक्ति नए साल की शुरुआत में ही सार्वजनिक की जा सकती है।