
दशहरी के नवाब ब्रांड का नाम बदला, जानें नया नाम क्या है?
दशहरी कहने भर से ही सब जान जाते है कि आम की बात हो रही है। देश छोड़िए विदेशों में भी दशहरी आम के खासे तलबगार हैं। मई माह बस गया और जून शुरू होते ही मंडियों में दशहरी की खुशबू फैलने लगेगी। इस बार आम की मंडियों में रौनक के आसार हैं। आम की खास किस्मों के निर्यात की तैयारियां शुरू हो गई हैं। पर एक खास बात यह है कि, दशहरी के एक ब्रांड नवाब का नाम बदल कर 'काकोरी' रख दिया है। अब विदेश दशहरी नवाब नहीं 'काकोरी' से पुकारा जाएगा। मैंगो पैक हाउस में निर्यात की तैयारियां जोरों पर हैं। वैज्ञानिकों की टीम ने दो वीएचटी (वेरी हाई टेंपरेचर) प्लांट में आम की गुणवत्ता का ट्रायल लिया। आम की गुणवत्ता और वायरस मुक्त करने के लिए हाट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का प्रयोग कर वीएचटी का ट्रायल लिया गया। इन 2 मशीनों से करीब 50 कुंतल एक्सपोर्ट क्वालिटी आम की प्रोसेसिंग कर उसे वायरस मुक्त किया जाता है। विदेश में वायरस मुक्त आम ही निर्यात किया जाता है।
आम की पैकिंग के लिए बाकायदा डिब्बे बनाए गए हैं। जिन्हें ब्रांड प्रोमोशन के तौर पर आगे बढ़ाया जाएगा। अब तक विदेशों को निर्यात किए जाने वाले आम की पैकिंग एवं अन्य तैयारियां ज्यादातर निर्यातक स्वयं ही करते थे। पिछली बार की तरह इस बार विशेष पैकिंग बाक्स में काकोरी ब्रांड नाम से विदेश भेजा जाएगा।
मंडी सचिव संजय सिंह ने बताया कि, कोरोना काल में साल 2021 आम का निर्यात काफी खराब हालत में रहा था। लेकिन इस बार आम साफ है। फसल कमजोर होने के बाद भी आम का निर्यात बेहतर होगा।
भारत में आमों के उत्पादन मामले में उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर है। पहला नंबर आंध्र प्रदेश है। उत्तर प्रदेश में 14 मैंगो बेल्ट हैं। मलिहाबाद इसमें कुछ खास है। वैसे तो दशहरी आम का सालाना 2,000 करोड़ रुपए का कारोबार है। दशहरी का सीजन जून के पहले हफ्ते से शुरू होकर जुलाई के दूसरे हफ्ते तक चलता है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मशहूर काकोरी में एक गांव दशहरी है। इस गांव वह पेड़ है जिस पर पहला दशहरी आम आया था। दशहरी गांव के नाम पर ही इस आम का नाम भी दशहरी पड़ा। यह 200 साल उम्र का यह पेड़ आज भी मौजूद है। अब तो लोग इसे मदर ऑफ दशहरी मैंगो ट्री से पुकारते हैं।
Published on:
21 May 2022 06:05 pm
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