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यूपी में राजस्व विभाग में ई-कुबेर प्रणाली लागू, सीधे लाभार्थी के खाते में पहुंचेगी धनराशि

दैवी आपदाओं से प्रभावित फसलों के नुकसान पर ऑनलाइन (Online) मिलेगी आर्थिक सहायता (Subsidies)

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लखनऊ

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Neeraj Patel

Apr 24, 2021

E-Kuber system

E-Kuber system implemented in Revenue department

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने कृषि निवेश अनुदान की राशि कोषागार की ई-कुबेर प्रणाली (E-Kuber System) से ऑनलाइन सीधे किसानों के खाते में भेजने का शासनादेश जारी कर दिया है। राजस्व विभाग में यह व्यवस्था दो चरणों में लागू की जाएगी। अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार ने बताया कि पहले चरण में बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि, अतिवृष्टि, बिजली गिरने और बादल फटने जैसी दैवी आपदाओं से प्रभावित फसलों के नुकसान पर मिलने वाली आर्थिक सहायता ऑनलाइन किसानों के खाते में भेजी जाएगी। दूसरे चरण में विभिन्न आपदाओं से जनहानि पशु हानि व मकान क्षति आदि के तहत दी जाने वाली सहायता लाभार्थियों के बैंक खातों में ई-कुबेर प्रणाली (E-Kuber System) के माध्यम से ऑनलाइन भेजी जाएगी।

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि प्रथम चरण के कार्य के लिए राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट पर आपदाओं से कृषि को हुए नुकसान के अनुदान वितरण की प्रक्रिया का मॉडल उपलब्ध करा दिया गया है। इसके लिए एनआईसी के सहयोग से एक सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है इसके तहत किसी भी आपदा से किसानों की फसलों के नुकसान की लेखपाल के द्वारा डाटा फीडिंग से लेकर जिला स्तर से धनराशि स्वीकृत कर किसानों के बैंक खातों में ई-कुबेर प्रणाली के माध्यम से ऑनलाइन भेजने संबंधी प्रक्रिया तय है। इससे धनराशि किसानों के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित की जाएगी। राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट राहत डॉट यूपी डॉट एनआईसी डॉट इन (rahat.up.nic.in) का इंटीग्रेशन कोषागार के ई-कुबेर से कर दिया गया है।

स्थानांतरित करने में नहीं लेगा कोई अतिरिक्त चार्ज

इस सिस्टम का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि यदि कोई ट्रांजैक्शन किसी कारण से फेल होता है तो उससे संबंधित धनराशि कोषागार से हस्तांतरित नहीं होगी। दूसरा धनराशि स्थानांतरित करने में कोई अतिरिक्त चार्ज के लिए बैंक या किसी संस्था को नहीं देना पड़ेगा। इस कार्य के लिए लेखपाल राजस्व निरीक्षक नायब तहसीलदार द्वारा ओटीपी वेस्ड लॉगिन आईडी से और तहसीलदार व उप जिलाधिकारी के स्तर से डिजिटल डाटा ऑनलाइन अपर जिला अधिकारी को भेजा जाएगा। अपर जिलाधिकारी के डिजिटल सिग्नेचर से डाटा जिला अधिकारी की अनुमति प्राप्त कर स्वीकृत किया जाएगा। फिर स्वीकृत डाटा के सापेक्ष धनराशि ई-कुबेर के माध्यम से सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेज दी जाएगी।