
दिल्ली से बलिया तक गंगा एक्सप्रेस-वे बनाएगी योगी सरकार, होगा देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे
लखनऊ. प्रयागराज को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जोड़ने के लिए योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक गंगा एक्सप्रेस-वे (Expressway) के लिए उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकारण एलाइनमेंट प्लान को मंजूरी मिलने के बाद विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने के लिए जल्द ही एक वैश्विक सलाहकार को आमंत्रित करेगा।
1020 किमी लंबा होगा एक्सप्रेस-वे
गंगा एक्सप्रेस-वे पर लगभग 36,952 करोड़ रुपये का खर्च प्रस्तावित है। एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए 6,556 हेक्टेयर भूमि की जरूरत पड़ेगी, जिसके लिए 13,112 करोड़ रुपये का खर्च प्रस्तावित है। यह 1020 किमी लंबा होगा। अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने कहा कि योगी सरकार पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway) और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर योगी सरकार पहले से ही समीक्षा कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) 2022 विधानसभा चुनाव से पहले गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य को पूरा करा देना चाहते थें। विधानसभा चुनाव से पहले गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा होने पर मुख्यमंत्री इसे गुड गवर्नेंन के मॉडल के तौर पर पेश कर सकते हैं।
दो चरणों में बनेगा एक्सप्रेस-वे
गंगा एक्सप्रेस दो चरणों में बनाया जाएगा। पहले चरण में यह एक्सप्रेस वे मेरठ से प्रयागराज के बीच 596 किमी का होगा। दूसरे चरण में यह एक्सप्रेस वे यूपी को उत्तराखंड तक जोड़ेगा। इसके लिए टिगरी से यूपी सीमा तक 110 किमी की सड़क बनेगी। इसके अलावा प्रयागराज से बलिया तक 314 किमी का एक्सप्रेस वे गंगा एक्सप्रेस वे को विस्तार देगा। एक्सप्रेस वे के लिए बिजनौर को भी जोड़ने की तैयारी है।
खुलेंगे रोजगार के आयाम
यूपीडा का दावा है कि एक्सप्रेस-वे से रोजगार सृजन होगा। इससे आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर तैयार करने के लिए एक वैश्विक और पेशेवर सलाहकार नियुक्त करने का प्रस्ताव कैबिनेट के सामने मंजूरी के लिए रखा जाएगा। डीपीआर को मंजूरी मिलने के बाद बिल्डरों और डेवलपर्स को आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू होगी। इस एक्सप्रेस-वे के बन जाने से दिल्ली से प्रयागराज की दूरी कम समय में ही पूरी की जा सकेगी। साथ ही यह आर्थिक गितिविधि को भी बढ़ावा देगा।
कृषि उत्पादों को मिलेगी मदद
यूपीडा का दावा है कि एक्सप्रेस-वे से कृषि, उद्योग, हैंडीक्राफ्ट और पर्यटन का विकास होगा। इससे कृषि उत्पादों के परिवहन, फूड प्रोसेसिंग और मार्केटिंग में मदद मिलेगी। दुर्घटनाओं और प्रदूषण में कमी आएगी। चिकित्सा एवं शिक्षा सेवा का विस्तार होगा। दूध, फल और सब्जियां समय पर एक से दूसरे स्थान पर पहुंच सकेगी। डीपीआर तैयार करने में करीब एक वर्ष का समय लगेगा।
ईपीसी, पीपीपी या एचएएम मोड पर बनेगा एक्सप्रेस-वे
यूपीडा ने गंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण इंजीनियरिंग एंड प्रक्योरमेंट कंस्ट्रक्शन, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप या हाइब्रिड एन्युटी मोड पर कराने का प्रस्ताव दिया है।
औद्योगिक विकास योजना
यूपीडा ने गंगा एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ पड़ने वाले जिलों में औद्योगिक विकास की योजना बनाई है। एक्सप्रेस-वे पर पेट्रोल पंप, दुकानें, होटल, रेस्तरां, ग्रीनबेल्ट, लेंडस्केप, लान सहित अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
ये जिले जुड़ेंगे
गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ, ज्योतिफूले नगर, हापुड़, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिलों से गुजरेगा।
Updated on:
18 Sept 2019 04:49 pm
Published on:
18 Sept 2019 02:38 pm
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