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शनि की उल्टी चाल हिला रही धरती, डरा रहे ये दावे, जानिए और कितनी बार लगेगा भूकंप का झटका

उत्तर प्रदेश में बीते दो दिनों के भीतर दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। कहा जा रहा है कि यह झटके अभी और लग सकते हैं। ऐसे में ज्योतिषाचार्य ने इस बारे में अहम जानकारी दी है। आइए जानते हैं।

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लखनऊ

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Suvesh shukla

Nov 05, 2023

Earthquake shocks due to Saturns reverse movement

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भूकंप आने के कई कारण होते हैं, लेकिन अगर बार-बार भूकंप के झटके महसूस होने लगें तो लोगों में दहशत फैलना लाजिमी है। वहीं अगर हम नवंबर की बात करें तो इस महीने दो दिन के भीतर ही दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए।

पहला भूकंप तीन नवंबर को रात करीब साढ़े 11 बजे आया। जबकि इसके 24 घंटे बीतने से पहले ही यानी 5 नवंबर को उत्तर प्रदेश में दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। ऐसे में लोगों के अंदर दहशत फैल गई।

ज्योतिषाचार्यों की मानें तो चंद्रग्रहण के बाद ऐसी स्थिति बन रही है। जिसमें अभी कई बार भूकंप के झटके महसूस किए जा सकते हैं। इस बारे में ज्योतिषाचार्यों ने हमें सचेत रहने की भविष्यवाणी भी की है। आइए जानते हैं कि भूकंप से ज्योतिष का क्या कनेक्‍शन है?


शुक्रवार की रात्रि यानी 3 नवंबर 2023 को करीब 11 बजकर 32 मिनट पर नेपाल में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप के तेज झटके दिल्ली एनसीआर समेत उत्तर भारत में महसूस किए गए।
भूकंप का केंद्र भले ही नेपाल रहा लेकिन इसका असर भारत में भी दिखा। नेपाल में आए भूकंप में लगभग 157 लोगों की जान चली गई, वहीं 375 लोग घायल हो चुके हैं। ज्योतिष के विद्वानों का मानना है कि अभी भारत समेत कई देशों में भूकंप आने की संभावना है। वहीं आज रात यानि 5 नवंबर 2023 को करीब 1 बजे भारत के अयोध्या में भूकंप के हल्के झटके महसूस, किए गए।

भूकंप का ग्रहण से क्या है कनेक्शन
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण के 40 दिन पहले या ग्रहण के 40 दिन बाद अर्थात 80 दिनों के भीतर भूकंप आने की प्रबल संभावना रहती है। इस साल विश्व में पहला ग्रहण जो खग्रास सूर्य ग्रहण था 20 अप्रैल 2023 गुरुवार को लगा था। हालांकि यह भारत में दिखाई नहीं पड़ा लेकिन वातावरण में इसका असर रहता ही है। फिर 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण और 28 अक्टूबर को भी खंडग्रास चंद्रग्रहण लगा।

श्री हरि ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेंद्र शर्मा बताते हैं कि ग्रहण के आसपास भी भूकंप की आशंका रहती है। ग्रहों की युक्ति के अनुसार सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण काल के बाद आने वाली अमावस्या या पूर्णिमा के आसपास भूकंप आने की सबसे अधिक संभावना रहती है।


शनि की उल्टी चाल से फिर डोलेगी धरती
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि ग्रहों के वक्री होने से भूकंप का गहरा कनेक्शन हैं। उन्होंने कहा कि मुख्य ग्रहों (शनि, बृहस्पति, मंगल) की चाल उल्टी यानी वक्री होने की स्थिति में भूकंप आने की संभावना बनती हैं।

ग्रहों की गोचर स्थिति और भूकंप
ज्योतिषाचार्य सुरेंद्र शर्मा के मुताबिक गोचर में शनि, बृहस्पति, मंगल जैसे ग्रहों के साथ ही राहू व चंद्रमा की विशेष स्थिति होना, मंगल और शनि का एक-दूसरे से विपरीत होना, क्रूर ग्रहों का परस्पर केंद्र में होना और मंगल व शनि का षडाष्टक योग जैसी गोचरीय स्थिति में भूकंप आते हैं l
मौजूदा समय में ग्रहों की यही स्थिति बनी हुई है। ग्रह दशाओं के अनुसार भूकंप आए भी हैं और अभी भूकंप आने की संभावना भी है l


भारत टॉप जोन में है शामिल
भारत के भविष्यवक्ताओं के अनुसार इस साल (2023) जुलाई से लेकर दिसंबर तक भूकंप आ सकते हैं। भारत, पाकिस्तान, नेपाल भूकंप के टॉप जोन में शामिल हैं।
यह जानकारी ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेंद्र शर्मा, श्री हरि ज्योतिष संस्थान, मुरादाबाद से प्राप्त हुई है।