
दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, राजस्थान समेत करीब-करीब पूरे उत्तर भारत में मंगलवार रात को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। झटके करीब एक मिनट तक महसूस किए गए। इमारतों के हिलने से दहशत में लोग घरों से बाहर निकल आए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र) के मुताबिक, अफगानिस्तान में 7 .7 वहीं दिल्ली-एनसीआर में 5.5 तीव्रता वाला भूकंप आया। इसका मुख्य केंद्र अफगानिस्तान के फैजाबाद में था।
भूकंप का केंद्र 156 किमी की गहराई में था। दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, चंडीगढ़ और श्रीनगर समेत अनेक जगहों पर भूकंप के डराने वाले झटके तब महसूस किए गए, जब ज्यादातर लोग रात के खाने के बाद सोने की तैयारी में थे या आराम कर रहे थे। लोग सड़कों और पार्कों की तरफ भागने लगे। बताया गया। देर रात करीब दो मिनट तक दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में भूकंप के झटके महसूस किए गए। दिल्ली-एनसीआर समेत यूपी के विभिन्न शहरों में दहशत भरा माहौल देखा गया, लेकिन कहीं से कोई जान माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। वहीं, बात अगर पाकिस्तान की करें तो वहां भूकंप से 2 लोगों की मौत और 6 लोगों के घायल होने की खबर देर रात तक सामने आई है।
भूकंप के झटके 45 सेकंड से एक मिनट तक महूसस किए गए। भारत में भूकंप का सबसे ज्यादा असर जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, सहित दिल्ली-एनसीआर में देखा गया। भूकंप के झटके भारत के साथ पाकिस्तान, तजाकिस्तान, चीन में भी महसूस किए गए. यह झटका करीब 10 बजकर 17 मिनट पर महसूस किया गया।
क्यों आता है भूकंप
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है।
फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।
मौसम विभाग ने पांच दिन तक ओला-बारिश की दी थी चेतावनी
मौसम विभाग ने 20 मार्च से आगरा, औरय्या, बहराइच, बलरामपुर, बांदा, चित्रकूट, एटा, इटावा, फतेहपुर, फिरोजाबाद, गोण्डा, हमीरपुर, हाथरस, जालौन, झांसी, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कासगंज, कौशाम्बी, ललितपुर, महोबा, मैनपुरी, मथुरा, मीरजापुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र और श्रावस्ती में ओलावृष्ट होने की चेतावनी जारी की थी। जबकि अम्बेडकरनगर, अमेठी, अयोध्या, बाराबंकी, बरेली, चित्रकूट, फर्रुखाबाद, गोण्डा, हरदोई, कन्नौज, लखनऊ, मीरजापुर, पीलीभीत, प्रतापगढ़, प्रयागराज, ललितपुर, संभल, शाहजहांपुर, सीतापुर, सोनभद्र, सुल्तानपुर व उन्नाव में भी ओला-बारिश की चेतावनी दी गई थी।
Updated on:
22 Mar 2023 06:32 am
Published on:
21 Mar 2023 10:47 pm
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