
यूपी के सात शहरों में दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक बसें, जानिए क्या होगा फायदा
लखनऊ. दिल्ली के बाद उप्र देश का ऐसा राज्य बनने जा रहा है जहां सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी। उप्र सरकार का कहना है कि पर्यावरण और सार्वजनिक परिवहन में सुधार के लिए यह पहल की जा रही है। इसके तहत प्रदेश के सात बड़े शहरों में 500 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी। इनमें लखनऊ, कानपुर, आगरा, इलाहाबाद, गाजियाबाद, वाराणसी और गोरखपुर शामिल हैं। सार्वजनिक परिवहन के लिए उप्र इंदौर की व्यवस्था को अपनाएगा।
योगी सरकार के फैसले के मुताबिक लखनऊ, कानपुर, आगरा, इलाहाबाद और गाजियाबाद में 100-100 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी जबकि वाराणसी और गोरखपुर में इनकी संख्या महज 10 होगी। नगरीय परिवहन निधि के फैसलों के मुताबिक इलेक्ट्रिक बसें सकल अनुबंध लागत मॉडल पर चलाई जाएंगी। इंदौर में यही मॉडल अपनाया गया है।
लखनऊ के लिए 40 बसों का ऑर्डर
पहले चरण में लखनऊ के लिए 40 बसें खरीदने का ऑर्डर दे दिया गया है। इलेक्ट्रिक बसों के संचालन, विनिर्माण सुविधाओं एवं इलेक्ट्रिक बस की चार्जिंग के लिए सब स्टेशन बनाने के लिए 50.80 करोड़ रुपए खर्च करने के नगरीय परिवहन निदेशालय के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई है। लखनऊ में शहीद पथ स्थित वृंदावन योजना में पी-फोर पार्किंग में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए 7 एकड़ जमीन की खरीदी जाएगी। इस पर 150 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
क्यों जरूरत है इलेक्ट्रिक बसों की
बदलते वक्त में पर्यावरण प्रदूषण और ऊर्जा के सीमित संसाधनों को देखते हुए वैकल्पिक और अक्षय ऊर्जा के स्रोतों की जरूरत है। इसीलिए सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है। इलेक्ट्रिक बसें पर्यावरण के लिए बहुत बेहतर हैं और इनकी मेंटिनेंस का खर्चा भी बहुत कम है। ये बसें जरूर कुछ महंगी हैं, लेकिन इन्हें चलाने का खर्चा काफी कम आता है। दिल्ली में इलैक्ट्रिक बसों के ट्रायल के दौरान सिर्फ एक बार ही ब्रेक डाउन हुआ था।
बहुत कम आता है खर्च
इलेक्ट्रिक बस आठ किलो वाट प्रति किलोमीटर के हिसाब से चलती हैं। इस तरह प्रतिकिलोमीटर दर तीन रुपए के करीब बैठती है। जबकि डीजल से चलने वाली बसों की एवरेज साढ़े तीन किलोमीटर के करीब बैठता है। जिसका खर्च प्रति किलोमीटर 19 रुपए आता है। इलेक्ट्रिक बसों की मैंटीनेंस भी नाममात्र का होता है।
दिल्ली में एक हजार बसों का बेड़ा
दिल्ली में एक हजार इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना है। ऐसा 'ग्रीन' बजट के तहत किया जा रहा है। दिल्ली के अलावा चीन को छोडकऱ कहीं पर भी इतनी बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक बसें नहीं चल रहीं। गौरतलब है कि भारत में अभी केवल 30 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं, जिनमें से 25 बसें हिमाचल प्रदेश में और 5 बसें मुंबई में हैं। इसके अलावा देश के 10 राज्यों इलैक्ट्रिक बसों के लिए टेंडर जारी किया है।
Published on:
14 Jul 2018 02:01 pm
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