
Company gave subsidy of 9161 crores to electricity consumers- patrika
राज्य विद्युत नियामक आयोग से मंजूर बहुवर्षीय वितरण टैरिफ विनियमावली की अधिसूचना प्रदेश सरकार ने जारी कर दी है। इसमें बिजली दरें तय करने के मानक बदल दिए हैं, जिससे भविष्य में बिजली दरें बढ़ने का रास्ता साफ हो गया है।
नए मानकों के हिसाब से आकलन करने पर हर साल औसतन बिजली कंपनियों का 3500-4000 करोड़ रुपये उपभोक्ताओं पर ज्यादा निकलेगा। बिजली कंपनियों पर प्रदेश के उपभोक्ताओं का 33,122 करोड़ रुपये बकाया है। इस वजह से पांच साल से बिजली दरें नहीं बढ़ रही थीं। हालांकि अब बिजली दरें तय करने के मानक बदल दिए गए हैं। इससे हर साल कंपनियों का उपभोक्ताओं पर करीब 3500-4000 करोड़ बकाया निकलेगा, उसे 33,122 करोड़ से घटाया जाएगा। भविष्य में जब यह रकम शून्य रह जाएगी तब कंपनियों की अतिरिक्त रकम बिजली दरों में इजाफा कर पूरा करेंगे।
बिजली कंपनियों ने साल 2025- 26 की वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) करीब एक लाख एक हजार करोड़ रुपये की नियामक आयोग में दाखिल की है। 70 हजार करोड़ रुपये की बिजली खरीद प्रस्तावित है।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि भले ही मानक बदल कर बिजली दरें बढ़ाने का रास्ता खोला गया हो, लेकिन परिषद इसे चुनौती देगा और बढ़ने नहीं देगा। उन्होंने कहा कि जब पांच साल में वैधानिक तरीके से बिजली दरें नहीं बढ़ने दी गईं तो आयोग ने मानको में बदलाव कर बिजली दरें बढ़ाने का रास्ता खोल दिया।
Updated on:
02 Apr 2025 06:06 am
Published on:
02 Apr 2025 06:04 am
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