17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

EPFO पीएफ खाताधारकों के लिये बड़ी खबर, जान लें ये बदलाव वर्ना खाते से नहीं कर पाएंगे निकासी

EPFO ने पीएफ अकाउंट में केवाईसी में बदलाव के नियम और कड़े कर दिये हैं

2 min read
Google source verification
Employees Provident Fund: 5 important EPF updates, every EPFO subscribers should know

Employees Provident Fund: 5 important EPF updates, every EPFO subscribers should know

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

कानपुर. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) पीएफ खाताधारकों के लिये नियमों में बदलाव किया गया है। अगर आपने अपने पीएफ अकाउंट में केवाईसी अपडेट किया है या करने जा रहे हैं तो ताजा अपडेट जरूर जान लें। ईपीएफओ ने केवाईसी में परिवर्तन के नियम काफी कड़े कर दिये हैं। केवाईसी की आड़ में पीएफ अकाउंट में फ्राॅड को देखते हुए ईपीएफओ ने ये कदम उठाया है। ईपीएफओ ने केवाईसी में बदलाव के नियम बदलने (EPFO KYC Rules) के साथ ही पीएफ खाते से भुगतान पर भी रोक लगा दी है।


अब अगर आपको अपने ईपीएफओ खातों में केवाईसी यानि नो योर कस्टमर में कोई बदलाव करना है तो वह बदलाव मूल डाॅक्यूमेंट के आधार पर ही हो सकेंगे। बिना मूल डाॅक्यूमेंट के केवाईसी में पीएफ अंशधारक का ब्योरा नहीं बदलेगा। ईपीएफओ द्वारा मूल डाॅक्यूमेंट का सत्यापन किये बिना उसमें बदलाव नहीं होगा। इतना ही नहीं नियोक्ता को भी एडवाइजरी जारी कर निर्देश दिया है कि पीएफ अंशधारकों की केवाईसी में मूल पत्रावली पर ही बदलाव किये जाएं।


नाम और पता चेंज

जारी एडवाइजरी में केवाईसी में बदलाव को गंभीरता से लेने को कहा गया है। एडवाइजरी के मुताबिक नियोक्ता भी नाम, पता, जन्मतिथि आश्रित और पिता या पति के नाम में बदलाव पत्रावलियां देखने के बाद ही करेंगे, या फिर छोड़ देंगे। दस्तावेज सबदलाव को तभी सही माना जाएगा जब अंशधारक के दस्तावेज अपलोड होंगे।


सिर्फ इतने बदलाव की अनुमति

यदि किसी अंशधारक के नाम में कुछ बदलाव करना है तो वह गाइडलाइन के मुताबिक ही होगा। अगर नाम शाॅर्ट फाॅर्म में लिखे नाम को नियम के आधार पर कागजात देखकर फुल फाॅर्म में तो बदला जा सकेगा। पर नाम का शब्द बदलने की इजाजत नहीं होगी।

क्या कहते हैं अधिकारी

ईपीएफओ बोर्ड के सदस्य सुखदेव प्रदसाद मिश्रा ने मीडिया से बताया है कि फ्राॅड से बचने के लिये नियमों को और सख्त किया गया है। केवाईसी की आड़ में गलत तरीके से कुछ खातों से निकासी की शिकायतें मिलने के बाद यह कदम उठाया गया है। अब हर हिस्से पर दो से तीन बार चेकिंग के बाद ही केवाईसी में बदलाव मंजूर किया जाएगा।