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पिछले साल यूपी में यूपी में हर दिन लापता हुए 5 बच्चे, इनमें 66 फीसदी लड़कियां, RTI से मिली जानकारी

locationलखनऊPublished: Nov 28, 2021 12:44:44 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले साल लापता हुए 1,763 बच्चों में से 1461 का पता लगाया गया था और पुलिस ने उन्हें बरामद किया था। हालांकि, 200 लड़कियों समेत 302 बच्चे अभी भी लापता हैं। लापता हुए 1763 बच्चों में से 1461 का पता लगाया गया था और पुलिस ने उन्हें बरामद किया था। हालांकि, 200 लड़कियों समेत 302 बच्चे अभी भी लापता हैं।

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लखनऊ. उत्तर प्रदेश के 50 जिलों द्वारा उपलब्ध कराए गए एक आरटीआई प्रश्न से पता चला है कि पिछले साल राज्य में 18 साल तक की तीन लड़कियों सहित कम से कम पांच बच्चे हर दिन लापता हुए हैं। आंकड़ों के अनुसार, जो 1 जनवरी, 2020 से 31 दिसंबर, 2020 की अवधि से संबंधित है, उत्तर प्रदेश में कुल 1,763 बच्चे लापता हुए हैं। 66 प्रतिशत से अधिक (1,166) लड़कियां थीं। इनमें से 92 प्रतिशत (1,070) से अधिक लड़कियां 12 से 18 वर्ष के आयु वर्ग की थीं।
आरटीआई दायर करने वाले बाल अधिकार कार्यकर्ता नरेश पारस ने कहा कि 25 जिलों ने दो महीने की देरी के बाद भी कोई विवरण नहीं दिया। इन जिलों में लखनऊ, वाराणसी, गौतम बुद्ध नगर, गोरखपुर और बरेली शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अगर सभी जिलों का डेटा संकलित किया जाए तो लापता बच्चों की वास्तविक संख्या बहुत अधिक होगी।
आंकड़ों से पता चला है कि लापता बच्चों के 113 मामलों के साथ मेरठ जिला सूची में सबसे ऊपर है। 92 लापता बच्चों के साथ गाजियाबाद दूसरे स्थान पर है। उसके बाद सीतापुर (90), मैनपुरी (86) और कानपुर शहर (80) हैं। आगरा जिले में पूछताछ के दौरान पता चला कि 11 लड़कियों समेत 23 बच्चे गायब हुए हैं।
302 बच्चे अभी भी लापता
आरटीआई से यह भी पता चला है कि पिछले साल लापता हुए 1,763 बच्चों में से 1,461 का पता लगाया गया था और पुलिस ने उन्हें बरामद किया था। हालांकि, 200 लड़कियों समेत 302 बच्चे अभी भी लापता हैं।
हर दिन औसतन पांच बच्चे हो रहे लापता
पारस ने कहा कि तथ्य यह है कि यूपी में हर दिन औसतन पांच बच्चे लापता हो रहे हैं, जिनमें से ज्यादातर लड़कियां हैं, यह काफी गंभीर है। लापता बच्चों के मामलों की समीक्षा हर जिले में मासिक आधार पर पुलिस मुख्यालय में शिकायतकर्ताओं और जांचकताओं की उपस्थिति में की जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, लापता बच्चे के मामले में पुलिस को शिकायत के 24 घंटे के भीतर आईपीसी की धारा 363 (अपहरण) के तहत प्राथमिकी दर्ज करनी होती है। यदि चार महीने के भीतर गुमशुदा बच्चा नहीं मिलता है, तो मामले को प्रत्येक जिले में मौजूद पुलिस की मानव तस्करी विरोधी इकाई के पास भेजा जाना आवश्यक है।
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