
परमानेंट डीएल बनवाते समय यह करना पड़ेगा बहुत महंगा, खर्च करने होंगे अलग से रुपये
लखनऊ. अब ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence) आवेदन में गलत पिन कोड आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है। दरअसल पता सही होने के बावजूद पिन कोड गलत होने पर डीएल वापस मुख्यालय लौट जाएगा। आवेदक को पिन कोड सही कराने के लिए दोबारा 400 रुपये खर्च करने होंगे। दरअसल आवेदन में गलत जानकारी भरने पर परिवहन विभाग को आवेदक के सही पते का डीएल दोबारा बनाना पड़ेगा। इसके बाद यह आरटीओ कार्यालय (RTO Office) से ही मिलेगा, लेकिन जिनके पते सही है और डीएल किसी अन्य कारण से लौट गया उन्हें 400 रुपये की फीस दोबारा नहीं भरनी पड़ेगी।
जानकारी भरते समय बरतें सावधानी
ऐसे में परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस (Permanent Driving Licence) के लिये ऑनलाइन आवेदन करते समय पता और पिन कोड भरते समय सावधानी बरतें। अगर डीएल आप तक पहुंचने के बजाय परिवहन विभाग के मुख्यालय वापस हुआ तो आपको 400 रुपये और देने होंगे। जब तक 400 रुपये की फीस भरकर ऑनलाइन पता एवं पिन कोड ठीक नहीं किया जाएगा, तब तक डीएल आवेदक नहीं मिलेगा।
गलत पिन के चलते वापस आये डीएल
अपर परिवहन आयुक्त (आईटी) विनय कुमार सिंह ने बताया कि छह माह में ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence) के डाक जो वापस लौटे है, अधिकांश में गलत पता और अपने क्षेत्र का पिन कोड गलत भरा था। इस वजह से प्रदेश भर से काफी संख्या में डीएल लौटे हैं। ऐसे में लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन के समय ही सही पता भरें। ताकि स्थायी डीएल आवेदन में भी सही पता दर्ज हो सके। इससे डाक से डीएल घर पहुंचना आसान होगा। ऐसे में अगर पता सही होने के बावजूद पिन कोड गलत होने पर डीएल वापस मुख्यालय लौट जाएगा। आवेदक को पिन कोड सही कराने के लिए दोबारा 400 रुपये खर्च करने होंगे।
सारथी पोर्टल पर ब्योरा दर्ज
डाक से भेजे गये जो डीएल परिवहन आयुक्त मुख्यालय आ गये हैं उन्हें संबंधित आरटीओ कार्यालय भेज दिया गया है। इस संबंध में एनआईसी हैदराबाद की ओर से एक सारथी पोर्टल तैयार किया गया है।
Updated on:
12 Nov 2019 02:09 pm
Published on:
12 Nov 2019 10:21 am
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