कोटेदारों की आय बढ़ाने की कोशिश आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में करीब 80 हजार राशन दुकानदार हैं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में एपीएल (गरीबी की रेखा से ऊपर) आदि योजनाओं के बंद होने के बाद सिर्फ अन्त्योदय और खाद्य सुरक्षा (पात्र गृहस्थी) काम बचा है। डोर स्टेप डिलीवरी के बाद सरकारी गोदाम से खाद्यान्न लाने के लिये मिलने वाला 10 रुपया भी बंद हो गया है। ऐसे में लंबे समय से प्रदेश सरकार राशन दुकानदारों की आय बढ़ाने की कोशिश कर रही है। इसी के तहत बिजली के बिल राशन दुकानों पर जमा कराने की भी व्यवस्था बीते दिनों की गई थी।
भेजा गया आदेश प्रदेश सरकार की तरफ से खाद्य आयुक्त, सभी मण्डलायुक्त और जिलाधिकारी को भेजे आदेश में कहा गया है कि राशन दुकानों पर यह चीजें बेचे जाने की अनुमति इस शर्त के साथ दी जा रही है कि इन वस्तुओं का निर्माण करने वाली कम्पनी
एफएसएसएआई के मानकों का पालन करती हो। वस्तुओं की गुणवत्ता भी सक्षम स्तर से प्रमाणीकृत हों।