शाकुंभरी मेला
प्रदेश के सहारनपुर जिले में प्रतिवर्ष नवरात्रि में शकुंभरी देवी का मेला आयोजित किया जाता है।
कुंभ मेला
कुंभ का मेला प्रति 12 वर्ष में इलाहाबाद के संगम के तट पर आयोजित किया जाता है। यहां देश-विदेश से लाखों संख्या में श्रद्धालु जन विश्व के सबसे बड़े मेले में आते हैं और पवित्र पावन संगम में स्नान करके पुण्य कमाते हैं।
देवा शरीफ मेला
इस मेले का आयोजन हर साल बाराबंकी में प्रसिद्ध सूफी संत वारिस अली शाह की दरगाह पर किया जाता है, जिसे हिंदू व मुस्लिम भाई प्रेम व सदभावना पूर्वक मनाते हैं। ‘खिचड़ी मेला
सोरों मेला
कासगंज जिले के सोरों के मार्गशीर्ष मेला हर साल मनाया जाता है। हरि की पैड़ी में गंगा स्नान कर लोग मेला मार्गशीर्ष का लुत्फ लेते हैं। धार्मिक महत्व के इस मेले में बड़ी संख्या में आसपास के अतिरिक्त बाहरी राज्यों से भी लोग पहुंचते हैं।
बटेश्वर मेला बटेश्वर मेले का आयोजन आगरा जनपद के बटेश्वर नामक स्थान पर यमुना के किनारे किया जाता है। इस मेले का धार्मिक तथा व्यापारिक दोनों प्रकार का महत्व है। यहां व्यापारी लोग सामानों की खरीद फरोख्त भी करते हैं।
उत्तर भारत का मशहूर ग्रामीण कजली मेला आज भी अपनी पहचान कायम रखता है। कीरत सागर के तटपर लगने वाले ऐतिहासिक मेले की धमक दूर-दूर तक है। इसलिए दूर दराज के दुकानदार एक सप्ताह पहले से ही यहां आकर अपना डेरा जमा लेते हैं। इससे उनकी कमाई हो जाती है।
भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय रामायण मेले की परिकल्पना समाजवादी चिंतक डॉ राम मनोहर लोहिया ने की थी। नैमिषारण्य मेले पौराणिक नैमिषारण्य क्षेत्र में होलिका दहन से पहले 84 कोसीय परिक्रमा शुरू होती है। इस परिक्रमा का अपना एक अलग ही पौराणिक महत्व है। इसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं। वह करीब एक माह तक परिक्रमा करते हैं। इस परिक्रमा मेले में 11 पड़ाव पड़ते हैं।
ताज महोत्सव
कबीर महोत्सव यह महोत्सव बस्ती जनपद के मगहर नामक स्थान पर आयोजित किया जाता है। संत कबीर दास जी के जीवन चरित्र से संबंधित विषयों को इस मेले में दर्शाया जाता है। इस मेले में कबीरपंथी तथा अन्य जागरूक लोग भाग लेते हैं।
इलाहाबाद उत्सव
इलाहाबाद में आयोजित इस महोत्सव में मिलीजुली संस्कृति की विरासत का अवलोकन किया जाता है। इनके वृंदावन हरिदास स्मृति संगीत समारोह का आयोजन, झांसी में महोत्सव का आयोजन, मथुरा में होलीकोत्सव तथा कन्नौज में कन्नौज उत्सव आयोजित किए जाते हैं।
कामीपल उत्सव
फर्रुखाबाद के रामेश्वर नाथ एवं कमलेश्वर नाथ तथा जैनियों के मंदिर मेंकाम्पिल उत्सव का आयोजन किया जाता है। जैन धर्मावलंबियों की संस्कृति को भी इस उत्सव के अंतर्गत दर्शाया जाता है।
वाराणसी उत्सव