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सामूहिक विवाह पर कोरोना का ग्रहण, अब 100-200 नहीं पांच-पांच जोड़ों के होंगे विवाह

- फिर शुरू होगी सामूहिक विवाह योजना - इस बार 100 या 200 जोड़ों की बजाए पांच जोड़ों को एक साथ शादी कराई जाएगी - 15 नवंबर के बाद सामूहिक विवाह के लिए जोड़ों की तलाश की जाएगी और माह के अंत तक सामूहिक विवाह कराए जाएंगे

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सामूहिक विवाह पर कोरोना का ग्रहण, अब 100-200 नहीं पांच-पांच जोड़ों के होंगे विवाह

सामूहिक विवाह पर कोरोना का ग्रहण, अब 100-200 नहीं पांच-पांच जोड़ों के होंगे विवाह

लखनऊ. कोरोना वायरस को पीछे छोड़ सामूहिक विवाह योजना फिर शुरू की जा रही है। हालांकि, इस बार कुछ शर्तों के साथ सामूहिक विवाह कराने के निर्देश हैं। इस बार 100 या 200 जोड़ों की बजाए पांच जोड़ों को एक साथ शादी कराई जाएगी। मात्र पांच जोड़ों का एक कार्यक्रम सामूहिक विवाह कराना होगा। परिजनों की संख्या भी सीमित होगी। इसके साथ ही मास्क, सैनिटाइजर, शारीरिक दूरी आदि नियमों का भी पालन करना होगा। 15 नवंबर के बाद सामूहिक विवाह के लिए जोड़ों की तलाश की जाएगी और माह के अंत तक सामूहिक विवाह कराए जाएंगे। इसके लिए शासन ने सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत 33.15 लाख रुपये का बजट समाज कल्याण विभाग को भेजा है।

अनुसूचित जाति के लिए 13.20 लाख का बजट

जिला प्रशासन की ओर से फरवरी माह में सामूहिक विवाह कराकर कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना पर ब्रेक लगा दिया गया था। कोरोना काल के चलते अनुसूचित जाति, सामान्य जाति के साथ-साथ गरीब बेटियों को लाभ नहीं मिल पा रहा था। लेकिन अब कोरोना वायरस से बचाव की गाइडलाइन के अनुसार निर्धन बेटियों को राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ ले सकेंगी। शासन ने सामान्य जाति के आवेदकों की शादी योजना के अंतर्गत 6.60 लाख व अनुसूचित जाति के लिए 13.20 लाख रुपये का बजट भेज दिया है। कुल 65 जोड़ों का सामूहिक विवाह कराने का लक्ष्य मिला है।

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