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बसपा के इस पूर्व सांसद की 100 करोड़ की इमारत पर चला बुल्डोजर, ऐसे कराया था निर्माण

एलडीए, लखनऊ के डीएम और कमिश्नर सहित तमाम अधिकारियों को पत्र लिखे, लेकिन किसी ने निर्माण नहीं रुकवाया। इससे 6 मंजिला इमारत खड़ी हो गयी।

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लखनऊ

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Nitin Srivastva

Jul 04, 2021

बसपा के इस पूर्व सांसद की 100 करोड़ की इमारत पर चला बुल्डोजर, ऐसे हुआ था निर्माण

बसपा के इस पूर्व सांसद की 100 करोड़ की इमारत पर चला बुल्डोजर, ऐसे हुआ था निर्माण

लखनऊ. केंद्रीय संरक्षित स्मारक रेजीडेंसी के विनियमित क्षेत्र में अवैध अपार्टमेंट बनाना बसपा के पूर्व सांसद दाउद अहमद को भारी पड़ गया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने 3 जुलाई को इसे ध्वस्त करने का आदेश पारित किया था, जिसके बाद रविवार सुबह जिला प्रशासन ने इसे गिराने का काम शुरू करा दिया। दोपहर तक बिल्डिंग का आगे का बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त कर दिया गया। बिल्डिंग करीब 100 करोड़ की लागत से बनी है।

खड़ा कर लिया 6 मंजिला अपार्टमेंट

पूर्व सांसद दाउद अहमद ने रिवर बैंक कॉलोनी के पीछे अवैध तरीके से 6 मंजिला अपार्टमेंट खड़ा कर लिया था। इसका निर्माण केंद्रीय संरक्षित स्मारक रेजिडेंसी बिल्डिंग के विनियमित क्षेत्र में किया गया। पुरातत्व विभाग ने इसका निर्माण रोकने के लिए काफी प्रयास किया। एलडीए, लखनऊ के डीएम और कमिश्नर सहित तमाम अधिकारियों को पत्र लिखे, लेकिन किसी ने निर्माण नहीं रुकवाया। इससे 6 मंजिला इमारत खड़ी हो गयी। सुनवाई न हुई तब केन्द्र सरकार के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को निर्णय लेना पड़ा।

3 जुलाई को हुआ था ध्वस्त करने का आदेश

पुरातत्व विभाग के संयुक्त महानिदेशक ने 3 जुलाई 2021 हो इसे ध्वस्त करने का आदेश पारित किया। जिसके बाद रविवार 4 जुलाई को जिला प्रशासन और पुरातत्व विभाग की टीम इसे गिराने में लग गयी। इसमें एलडीए की भी मदद ली गई। अधिकारियों ने बताया कि इसे इस तरह क्षतिग्रस्त कर दिया जाएगा ताकि भविष्य में यह उपयोग लायक न रहे।

एलडीए की मिली थी शह

आपको बता दें कि एलडीए ने दाउद अहमद को बिल्डिंग बनवाने की पूरी छूट दे रखी थी। बिना पुरातत्व विभाग की एनओसी के नक्शा भी पास कर दिया था। दाऊद अहमद ने इसका नक्शा एकल आवासीय पास कराया था लेकिन निर्माण बहुमंजिला करा लिया। पूरी बिल्डिंग अवैध थी। लगातार तमाम शिकायतें होने के बावजूद एलडीए ने केवल कहने को बिल्डिंग सील कराई। लेकिन सख्ती से निर्माण नहीं रुकवाया। इसाथ ही से ध्वस्त करने का आदेश भी नहीं पारित किया और न गिरवाया।

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