11 अलग-अलग फर्मों को हुआ भुगतान
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति एस.पी. सिंह बताया है कि खास बात यह है कि लखनऊ विश्वविद्यालय के खाते से पैसे निकालने में पुरानी चेक की क्लोनिंग की गई है। चेक का भुगतान पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और केनरा बैंक से किया गया है। ये सभी क्लोन चेक यूको बैंक के थे।
इसके साथ ही कुलपति ने बताया कि यूनिवर्सिटी के अकाउंट से अप्रैल 2018 से एक मई 2019 के बीच 11 चेक के माध्यम से 1,0982935 रुपए फर्जीवाड़ा करके निकाले गए हैं और इन चेक के माध्यम से 11 अलग-अलग फर्मों को भुगतान किया गया है। मामला सामने आने पर इसकी रिपोर्ट यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हसनगंज थाने में दर्ज कराई गई है, जिसके बाद पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। जैसे कोई सुराग मिलता है तो पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी।
जांच के लिए आंतरिक समिति का गठन
कुलपति ने कहना है कि भुगतान करने में वर्ष 2000 की चेक, जो पहले जारी हो चुकी थी, उनका इस्तेमाल किया गया है। पुलिस के मुताबिक, जालसाजों ने चेक की क्लोनिंग कर इस फर्जीवाड़े की वारदात को अंजाम दिया है। कुलपति ने जांच के लिए एक आंतरिक समिति का भी गठन किया है, जो पूरे प्रकरण की जांच करेगी कि आखिर लखनऊ विश्वविद्यालय के खाते के साथ इतना बड़ा फर्जीवाड़ा कैसे हो गया। बता दें कि पूरे मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। एक साल तक लखनऊ विश्वविद्यालय के खाते से पैसे निकाले जाते रहे, लेकिन प्रशासन को कोई भनक तक नहीं लगी।