एसआईटी ने सौंपी रिपोर्ट बिकरू कांड को लेकर जो एसआईटी गठित की गई थी उसने अपनी जांच रिपोर्ट में 100 से ज्यादा गवाहों को आधार बनाया है। आपको बता दें कि इस मामले में 12 जुलाई को एसआईटी ने अपनी जांच शुरू की थी, जो 16 अक्टूबर को पूरी हुई। एसआईटी ने मुख्य रूप से 9 बिंदुओं पर हो रही अपनी जांच को आधार बनाकर रिपोर्ट तैयार की है। हालांकि तय समय के मुताबिक जांच एजेंसी को 31 जुलाई, 2020 को अपनी जांच रिपोर्ट सीएम योगी को सौंपनी थी, लेकिन गवाहियों का आधार बढ़ने के चलते रिपोर्ट 16 अक्टूबर पूरी हो सकी। एसआईटी प्रमुख संजय आर भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित टीम ने अपनी रिपोर्ट पिछले हफ्ते शासन को सौंप दी है। इसमें अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा और पुलिस उप महानिरीक्षक जे रवींद्र गौड़ को सदस्य बनाया गया है।
ये था पूरा मामला दरअसल कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र में स्थित बिकरू गांव में 3 जुलाई की रात गैंगस्टर विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर उसे गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस की टीम पर अंधाधुंध फायरिंग झोंककर एक सीओ समेत आठ पुलिसवालों को मौत के घाट उतार दिया था। हालांकि 10 जुलाई को पुलिस ने मुख्य अभियुक्त गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर में मार गिराया था, लेकिन इस वारदात ने पूरे देश को हिला दिया था। कानपुर देहात में विकास दुबे का सिक्का चलता था। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को हिला देने वाली इस घटना के बाद से पुलिस ने इस केस में 21 नामजद आरोपियों में विकास दुबे सहित छह को एनकाउंटर में मार गिराया है। जबकि इस हत्याकांड में शामिल तमाम आरोपी सलाखों के पीछे हैं।