19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जनवरी में होगा वाराणसी, आगरा एवं मेरठ में ‘गीत रामायण’ का कार्यक्रम – राज्यपाल

उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र का रिश्ता बहुत पुराना है।

2 min read
Google source verification
Governor Ram Naik

जनवरी में होगा वाराणसी, आगरा एवं मेरठ में ‘गीत रामायण’ का कार्यक्रम - राज्यपाल

ritesh singh

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक की अध्यक्षता में राजभवन में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि मराठी ‘गीत रामायण’ के रचियता स्वर्गीय जी0डी0 माडगुलकर एवं गायक स्वर्गीय सुधीर फड़के की जन्मशती के अवसर पर श्रद्धांजलि स्वरूप गीत रामायण पर दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। वाराणसी में यह कार्यक्रम 10-11 जनवरी 2019, आगरा में 13-14 जनवरी 2019 तथा मेरठ में 16-17 जनवरी 2019 को होगा, जिसमें स्वर्गीय जी0डी0 माडगुलकर के पुत्र आनन्द माडगुलकर तथा स्वर्गीय सुधीर फड़के के पुत्र श्रीधर फड़के अपनी प्रस्तुति देंगे। 19 जनवरी, 2019 को आनन्द माडगुलकर राजभवन में एक दिवसीय हिन्दी भाषा में गीत रामायण की प्रस्तुति भी देंगे।

बैठक में भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय, लखनऊ की कुलपति श्रुति सडोलीकर काटकर, अध्यक्ष महाराष्ट्र समाज आगरा अभय पोलावे, संगठन मंत्री सुरेश मोरे, मराठी समाज वाराणसी के संतोष पाटिल व काशी गणेश उत्सव कमेटी वाराणसी अशोक नेने, महाराष्ट्र समाज लखनऊ के सचिव दिनेश जोशी एवं डाॅ0 बी0एन0 मिश्र सहित मराठी समाज से जुड़े अन्य लोग भी उपस्थित थे।

राम नाईक ने कहा कि वाराणसी, आगरा व मेरठ में गीत रामायण का कार्यक्रम निर्धारित स्थान पर सायं 7.00 बजे से आयोजित किया जायेगा। कार्यक्रम को सुव्यवस्थित तरीके से आयोजित करने के लिये संबंधित जनपदों के जिलाधिकारी एवं महापौर, वहां स्थित विश्वविद्यालयों के कुलपति से भी सहयोग लिया जायेगा। कार्यक्रम के आयोजन में महाराष्ट्र सरकार आर्थिक सहयोग करेगी तथा प्रेक्षागृह एवं कलाकारों के आवागमन व ठहरने आदि का व्यय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जायेगा।
राज्यपाल ने कहा कि यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सरकार के बीच हुए सांस्कृतिक समझौते के अन्तर्गत किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र का रिश्ता बहुत पुराना है। भगवान राम का जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ था, पर वनवास के समय पर वे नासिक के पंचवटी में रहे थे। शिवाजी को महाराष्ट्र में कुछ सरदार छत्रपति राजा मानने के लिए तैयार नहीं थे। काशी से आमंत्रित पण्डित गागाभट्ट ने शिवाजी का राज्याभिषेक कराया तो उन्हें छत्रपति की मान्यता मिली। संगीत के क्षेत्र में महाराष्ट्र के पंडित विष्णु नारायण भातखण्डे ने लखनऊ को अपनी साधना स्थली बनाया तथा देश के एकमात्र भातखण्डे संगीत संस्थान की स्थापना की। उन्होंने कहा की मुुंबई को देश की आर्थिक राजधानी बनाने में उत्तर प्रदेश के लोगों का भी बड़ा सहयोग है।