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कोविड वेरिएंट की पड़ताल के लिए केजीएमयू में शुरू हुई जीनोम सिक्वेंसिंग, हर दिन 100 सैम्पल्स की होगी जांच

सरकार ने तेज किए डेल्टा प्लस वैरिएंट की आशंका को देखते हुए बचाव के लिए सभी जरूरी प्रयास  

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लखनऊ

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Neeraj Patel

Jun 26, 2021

Covid variants

Genome sequencing started in KGMU to investigate Covid variants

लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने डेल्टा प्लस वैरिएंट की आशंका को देखते हुए शनिवार से लखनऊ के केजीएमयू में जीनोम सिक्वेंसिंग शुरू करा दी है। विशेषज्ञों की ओर से प्रत्येक दिन यहां 100 सैम्पल्स की जांच की जाएगी। कोविड वैरिएंट की पड़ताल में जीनोम सिक्वेंसिंग काफी उपयोगी साबित होगी। इसके माध्यम से वायरस कैसा है और किस तरह दिखता है इसकी पूरी जानकारी मिलेगी। जिसके बाद प्रदेश की जनता को बीमारियों से बचाने के लिये कारगर रणनीति का निर्माण किया जा सकेगा। सीएम योगी ने विशेषज्ञों के परामर्श के अनुसार बिना देर किए तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।

प्रदेश सरकार ने बीमारियों से जनता को बचाने के लिये कोविड के नित नए वैरिएंट के परीक्षण और अध्ययन के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा को बढ़ाने की तैयारी कर ली है। केजीएमयू की तर्ज पर लखनऊ के राम मनोहर लोहिया संस्थान, वाराणसी और नोएडा के चिकित्सा संस्थानों में भी इस संबंध में सुविधाओं को बढ़ाने के लिये अधिकारियों से कहा है।

कोरोना की दूसरी लहर पर सबसे पहले जीत हासिल करने वाले उत्तर प्रदेश में लोगों को कोरोना के नए वैरिएंट से बचाने के प्रयास तेज कर दिये गये हैं। राज्य सरकार ने इस कार्य में निजी क्षेत्र से भी सहयोग की अपेक्षा की है। राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ परामर्श समिति के सदस्यों व अन्य वरिष्ठ चिकित्सकों को जनजागरूकता के कार्य में लगने के लिये कहा गया है।

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शीर्ष प्राथमिकता पर पीकू/ नीकू की स्थापना पर जोर

प्रदेश में विशेषज्ञों के आंकलन के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के संबंध में योगी सरकार प्रो-एक्टिव नीति अपना रही है। सभी मेडिकल कॉलेजों में पीआईसीयू और एनआईसीयू की स्थापना को तेजी से पूरा किया जा रहा है। सहारनपुर में 50 पीकू बेड बढ़ा दिये गये हैं। मेडिकल कॉलेजों में पीडियाट्रिक आईसीयू बेड की संख्या 5869 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में भी पीकू/नीकू स्थापना की कार्यवाही जारी है। राज्य सरकार ने अधिकारियों से सभी ज़िलों में इस कार्य को शीर्ष प्राथमिकता दिये जाने को कहा है।