जानिये लिंक करने का पूरा तरीका पैन कार्ड को अपनी LIC पॉलिसी से लिंक करने का तरीक़ा काफी आसान है। ये काम आप दो तरीक़ों से कर सकते हैं। पहला तरीक़ा है, आप अपने नज़दीकी LIC ऑफ़िस जाएं, वहां अपनी पॉलिसी के काग़ज़ात के साथ पैन कॉर्ड और एक पहचान पत्र की कॉपी जमा कर दें।
दूसरा तरीक़ा है LIC की आधिकारिक वेबसाइट www.licindia.in पर लॉगइन करना। LIC ने इस प्रॉसेस को काफ़ी आसान रखा है ताकि सभी ग्राहक और एजेंट दोनों ही आसानी से पॉलिसी-पैन लिंक कर सकें. पूरी प्रक्रिया इस प्रकार है –
अब आपका पैन और आपकी पॉलिसी लिंक हो चुके हैं। ये पूरी प्रक्रिया उन लोगों के लिए थी जिन्होंने पहले ही LIC की पॉलिसी ले रखी हो। अगर आप LIC की कोई नयी पॉलिसी ले रहे हैं तो आपको ऐसा कुछ भी करने की ज़रूरत नहीं है। क्योंकि नयी पॉलिसी के दस्तावेज़ों में इसकी व्यवस्था कर दी गई है। एक जगह पर आपको अपना हस्ताक्षर करना होगा और ये लिंक खुद ब खुद हो जाएगा।
पैन लिंक नहीं होने से क्या होगा नुकसान? LIC के मुताबिक जब किसी भी कस्टमर की पॉलिसी मैच्योर होगी, यानी उसकी अवधि पूरी हो जाएगी और उसके एवज में रक़म मिलनी हो, तब इसका फ़ायदा मिलेगा। अगर कस्टमर की किसी कारण से मौत हो जाती है तो उसके नॉमिनी को पॉलिसी का लाभ मिलेगा। अगर पॉलिसी पैन से लिंक्ड है तो LIC से क्लेम लेते वक्त कस्टमर या उसके नॉमिनी को सिर्फ़ 2 प्रतिशत टैक्स का भुगतान करना होगा। लेकिन अगर पैन नंबर आपके पॉलिसी से लिंक्ड नहीं है, तब कुछ पॉलिसियों के लिए 20 प्रतिशत तक का टैक्स भुगतान करना पड़ सकता है। पैन के ज़रिए LIC इनकम टैक्स विभाग को इसकी जानकारी भेजेगा। ये उन ग्राहकों के लिए होगा जिनका पैन पॉलिसी से जुड़ा है। अगर पैन लिंक्ड नहीं होगा तो LIC पॉलिसी के क्लेम की रक़म पर 20 प्रतिशत टैक्स कटेगा और उसे इनकम टैक्स विभाग को जमा करेगा।