scriptअब शराब की दुकान चलाने के लिए ‘अच्छा चरित्र’ होना जरूरी, जीएसटी और प्रोसेसिंग फीस को लेकर है ये नियम | Good Character Certificate Compulsary for Running Liquor Shops | Patrika News

अब शराब की दुकान चलाने के लिए ‘अच्छा चरित्र’ होना जरूरी, जीएसटी और प्रोसेसिंग फीस को लेकर है ये नियम

locationलखनऊPublished: May 01, 2022 12:56:01 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

देश के हर राज्य में शराब के शौकीनों की कमी नहीं है। पार्टी हो या कोई भी ओकेजन हो, लोग शराब का सेवन पानी की तरह करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शराब की दुकान चलाने के लिए आपको हैसियत और चरित्र प्रमाण पत्र देना जरूरी होगा।

Liquor

Liquor

देश के हर राज्य में शराब के शौकीनों की कमी नहीं है। पार्टी हो या कोई भी ओकेजन हो, लोग शराब का सेवन पानी की तरह करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शराब की दुकान चलाने के लिए आपको हैसियत और चरित्र प्रमाण पत्र देना जरूरी होगा। दुकानें ई-लॉटरी से आवंटित होंगी। इस नीति से छोटे कारोबारी भी इस धंधे में अपना हाथ आजमा सकेंगे। अच्छा कारोबार करने वाले व्यवसायियों को एक साल के नवीनीकरण का लाभ मिलेगा। वहीं, दुकानदारों को प्रोसेसिंग फीस और जीएसटी भी देना होगा।
पिछले वर्ष सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुपालन में हाईवे से काफी दुकानें हटा दी गई थीं। इनमें से अधिकतर पुनर्स्थापित नहीं हो पाईं, जिससे पिछले साल के लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो पाई।
शराब से ताबड़तोड़ कमाई

वित्त वर्ष 2021-22 में योगी सरकार ने शराब से रिकॉर्ड तोड़ कमाई की है। शराब की हर दुकान से राज्य सरकार ने सालाना करोड़ों रुपये का राजस्व हासिल किया है। आबकारी विभाग के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने शराब की दुकानों पर लगे लाइसेंस शुल्क (नई आबकारी नीति में लाइसेंस शुल्क पर बढ़ोत्तरी) और आबकारी कर से कुल 36,208.44 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है, जो कि पहले 30,061.44 करोड़ रुपये था। अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी और आबकारी आयुक्त सेंथिल पंडियन ने जारी आंकड़ों को पारदर्शी नीति और लगातार निगरानी का परिणाम बताया है। बता दें कि इससे पहले मार्च 2021 में भी शराब की कीमतों में वृद्धि की गई थी। मगर, तब कोविड सेस लगाया था जिससे कि 40 रुपये तक की वृद्धि की गई थी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो