
Yogi Sarkar
Govardhan Puja: योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अनूठी पहल करते हुए राज्य के सभी गोआश्रय स्थलों पर भव्य और श्रद्धा-पूर्ण गोवर्धन पूजा और गोपूजन का आयोजन किया। शनिवार को संपन्न इस आयोजन में प्रदेश के कुल 7319 गोआश्रय स्थलों को सम्मिलित किया गया, जिसमें 6697 अस्थायी गो आश्रय स्थल, 333 वृहद गो संरक्षण स्थल और 289 कान्हा आश्रय स्थल शामिल थे।
मुख्यमंत्री के स्पष्ट दिशा-निर्देश के तहत कैबिनेट मंत्रियों गो सेवा आयोग के अध्यक्ष और प्रमुख सचिवों समेत अनेक जनप्रतिनिधियों ने इन आयोजनों में भाग लिया और गोवंशों के प्रति समर्पण और सेवा भावना को दर्शाया। इस अवसर पर गोवंशों को विशेष रूप से हरा चारा, गुड़, और फल आदि खिलाए गए। यह समारोह प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में धार्मिक उत्साह और परंपराओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास था।
पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बरेली के रामनगर में स्थित वृहद गो संरक्षण केंद्र में आयोजित गोवर्धन पूजा में सक्रिय रूप से भाग लिया। इसके अलावा, प्रमुख सचिव पशुधन और अन्य उच्चाधिकारियों ने बाराबंकी के निबलेट व लखनऊ के पपनामऊ में आयोजित गोवर्धन पूजन में शिरकत की। इसी प्रकार, गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने अस्थायी गो आश्रय स्थल सरेण्डी में भाग लिया।
योगी सरकार ने इस आयोजन में न केवल धार्मिक आस्था को बढ़ावा दिया, बल्कि गोवंश के लिए हरा चारा, गुड़, और अन्य खाद्य सामग्रियों के वितरण का प्रबंध भी किया। गोवंशों की देखभाल और सेवा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए इस पहल को समाज में व्यापक समर्थन मिला। इसके अलावा, दीपावली के उपरांत गाय के गोबर से बने दीपों, मूर्तियों और अन्य उत्पादों के उपयोग और बाजार में उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने पर भी बल दिया गया। इस प्रकार के आयोजनों का उद्देश्य स्थानीय कारीगरों को बढ़ावा देना और पर्यावरण को स्वच्छ रखना है।
यह पहल एक मजबूत संदेश देती है कि योगी सरकार गोवंश के संरक्षण और सेवा को कितनी प्राथमिकता देती है। इस आयोजन के माध्यम से समाज में गोवंश के प्रति प्रेम और देखभाल के महत्व को दोहराया गया। यह प्रयास ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करता है, जहां गोवंश एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
आयोजन के बाद, सरकार ने यह सुनिश्चित करने की योजना बनाई है कि इस प्रकार की पहलें नियमित रूप से जारी रहें और गो सेवा से जुड़े उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए। जनमानस को अधिक से अधिक प्रेरित करने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
इस पहल ने उत्तर प्रदेश के धार्मिक और सामाजिक परिदृश्य में एक नई लहर पैदा की है। राज्य सरकार ने दिखाया कि धार्मिक परंपराएं और आधुनिक प्रशासनिक प्रयास किस प्रकार एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं।
Published on:
02 Nov 2024 11:46 pm
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