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गेहूं के Export पर सरकार ने तत्काल प्रभाव से लगाई रोक, ये है बड़ा कारण, अधिकारियों ने कहा पश्चिम में होगी ज्यादा परेशानी

भारत ने तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। केंद्र सरकार ने देर रात एक अधिसूचना जारी कर इस बात की जानकारी दी। स्थानीय कीमतों को काबू में रखने के लिए यह कदम उठाया गया है।

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Wheat

Ban on Export of Wheat: भारत ने तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। केंद्र सरकार ने देर रात एक अधिसूचना जारी कर इस बात की जानकारी दी। स्थानीय कीमतों को काबू में रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। बता दें कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक है। सरकार ने कहा है कि पहले ही जारी किए जा चुके लेटर ऑफ क्रेडिट के तहत गेहूं निर्यात की अनुमति रहेगी। फरवरी के अंत में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से काला सागर क्षेत्र से निर्यात में गिरावट के बाद वैश्विक खरीदार गेहूं की आपूर्ति के लिए भारत की ओर रुख कर रहे थे।

वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना

भारतीय वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया,‘देश की समग्र खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने और पड़ोसी और अन्य कमजोर देशों की जरूरतों कासरकारों के अनुरोध के आधार पर निर्यात की अनुमति दी जाएगी समर्थन करने के लिए, केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत सरकार द्वारा दी गई अनुमति के आधार पर और भारत सरकार पड़ोसी और अन्य कमजोर विकासशील देशों की खाद्य सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो गेहूं के वैश्विक बाजार में अचानक बदलाव से प्रतिकूल रूप से प्रभावित हैं और पर्याप्त गेहूं की आपूर्ति तक पहुंचने में असमर्थ हैं।

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क्यों बढ़े दाम?

रूस और यूक्रेन की बीच जारी जंग की वजह से गेहूं की अंतरराष्ट्रीय कीमत में करीब 40 फीसदी तेजी आई है। इसकी वजह से भारत से गेहूं का निर्यात बढ़ गया है। मांग बढ़ने से स्थानीय स्तर पर गेहूं और आटे की कीमतों में भारी तेजी आई है। एक अलग अधिसूचना में, विदेश व्यापार महानिदेशालय ने प्याज के बीज के लिए निर्यात शर्तों को आसान बनाने की घोषणा की। देशभर में पिछले काफी समय से खाद्य सामग्री के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं, जिस वजह से लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। पिछले साल के मुकाबले आटे की कीमत करीब 13 फीसदी बढ़ गई है।

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अप्रैल में 14 लाख टन गेहूं का निर्यात

गौरतलब है कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक। देश ने वित्त वर्ष 2021-22 कुल 70 लाख टन गेहूं का निर्यात किया, जबकि बीते अप्रैल महीने की बात करें तो भारत ने रिकॉर्ड 14 लाख टन गेहूं का निर्यात किया है। यहां बता दें कि देश में महंगाई आसमान छू रही है, खुदरा महंगाई एक बार फिर लंबी छलांग मारते हुए अप्रैल महीने में 7.79 फीसदी पर पहुंच चुकी है। इस बीच अप्रैल में खाद्य पदार्थों पर महंगाई 8.38 फीसदी के स्तर पर पहुंच चुकी है।

यूपी अधिकारियों ने लिखी चिट्ठी

यूपी के खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने केंद्र को चिट्ठी लिखकर कहा है कि पूर्वांचल में गेहूं की जगह चावल खिला लेंगे लेकिन पश्चिम के लोगों के गेहूं कैसे दें? लखनऊ में खाद्य आपूर्ति विभाग के अपर आयुक्त खाद्य अरुण कुमार सिंह ने कहा है कि उस योजना में भारत सरकार ने गेहूं की जगह चावल ही आवंटित किया है। उन्होंने कहा कि पश्चिम के सात मंडलों में लोग चावल खाना पसंद नहीं करते।

प्याज था प्रतिबंधित

गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से बैन लगाने के साथ ही डीजीएफटी ने एक दूसरी अधिसूचना में जानकारी दी कि प्याज के बीज की निर्यात नीति में भी बदलाव किया गया है और इसे तत्काल प्रभाव से सीमित श्रेणी के तहत रखा गया है। यहां बता दें कि इससे पहले प्याज के बीज का निर्यात भी प्रतिबंधित श्रेणी में था।