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भ्रष्ट अफसरों पर गिरी गाज, चिकित्सा उपकरणों की खरीद में गड़बड़ी करने वालों पर योगी सरकार ने कसा शिकंजा

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भ्रष्ट अफसरों पर शिकंजा कसा है। कोरोना वायरस के नाम पर अपनी जेब भरने में लगे भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कई शिकायतें मिलने पर योगी सरकार ने जब जांच करवाई तो आरोप सही पाए गए।

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भ्रष्ट अफसरों पर गिरी गाज, चिकित्सा उपकरणों की खरीद में गड़बड़ी करने वालों पर योगी सरकार ने कसा शिकंजा

भ्रष्ट अफसरों पर गिरी गाज, चिकित्सा उपकरणों की खरीद में गड़बड़ी करने वालों पर योगी सरकार ने कसा शिकंजा

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भ्रष्ट अफसरों पर शिकंजा कसा है। कोरोना वायरस के नाम पर अपनी जेब भरने में लगे भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कई शिकायतें मिलने पर योगी सरकार ने जब जांच करवाई तो आरोप सही पाए गए। इस राजफाश के बाद लखनऊ में खलबली मच गई। सुल्तानपुर और गाजीपुर के जिला पंचायत राज अधिकारियों (डीपीआरओ) को तत्काल निलंबित कर प्रदेश भर में ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर खरीद की जांच शुरू करा दी गई है। सभी जिलों में जांच कराई जा रही है। जिलाधिकारियों को भी भुगतान किए गए सभी बिलों की जांच कराने को कहा गया है।

दो अफसरों पर गिरी गाज

कोरोना काल में सरकार की आंख में धूल झोंकते हुए उपकरणों की खरीद कई गुना अधिक दिखाकर भ्रष्ट अफसरों ने कमीशन खाना शुरू कर दिया। कुछ फर्जी किस्सों के सामने आने के बाद हल्ला बोल हो गया। विपक्ष ने योगी सरकार पर निशाना साधना शुरु कर दिया। इसे गंभीरता से लेते हुए सरकार ने जांच शुरू कराई तो एक छोर तो आखिर मिल ही गया। फिलहाल फंदे में दो अफसर फंसे हैं। अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि सुल्तानपुर के जिला पंचायत राज अधिकारी कृष्ण कुमार सिंह ने बाजार में 2800 रुपये मूल्य में ऑक्सीमीटर व इन्फ्रारेड थर्मामीटर उपलब्ध होने के बावजूद क्रय प्रक्रिया को केंद्रीकृत करने का प्रयास किया और 9950 रुपये का बिल प्रस्तुत किया है। चौहान को निलंबित कर उपनिदेशक पंचायत अयोध्या मंडल से संबद्ध किया गया है और उपनिदेशक पंचायत वाराणसी मंडल को जांच अधिकारी नामित किया है। सिंह ने बताया कि जिले के करीब 900 गांवों में से 250 में उपकरणों की खरीद का भुगतान किया जा चुका है।

सभी जिलों जांच जारी

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि सभी जिलों में जांच कराई जा रही है। जहां कहीं भी फर्जीवाड़े की भनक लगेगी, वहां कार्रवाई की जाएगी। गाजीपुर में 2800 रुपये कीमत वाले ऑक्सीमीटर व इन्फ्रारेड 5800 रुपये में खरीदकर उसका बिल अधिक मात्रा में दिखा कर वसूली की गई। जिला पंचायत राज अधिकारी अनिल कुमार सिंह ने भी क्रय प्रक्रिया को केंद्रीकृत करने का प्रयास किया। उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उपनिदेशक पंचायत वाराणसी मंडल से संबद्ध किया है। जांच उपनिदेशक पंचायत अयोध्या मंडल को सौंपी गई है।

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