
फिल्म स्टार मनोज बाजपेई
Legal crackdown on film star:बॉलीवुड स्टार मनोज बाजपेई ने साल 2021 में उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के लमगड़ा में करीब 15 नाली जमीन खरीदी थी। योग सेंटर निर्माण के मकसद से उन्होंने ये करोड़ों की जमीन खरीदी थी। तीन साल बीतने के बाद भी उन्होंने उस जमीन पर योग सेंटर नहीं बनाया है। वह जमीन खाली पड़ी हुई है। पिछले माह सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बाहरी राज्यों के लोगों द्वारा राज्य में खरीदी गई जमीनों की रिपोर्ट मांगी थी। शासन स्तर से हर जिले से ये रिपोर्ट तलब की गई थी। अल्मोड़ा जिले से भी जमीनों की रिपोर्ट जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्य सचिव को भेजी गई थी। स्थानीय प्रशासन ने शासन को भेजी उस रिपोर्ट में उन 23 लोगों को चिह्नित किया है, जिन्होंने यहां जमीन खरीदने के बाद उसका उपयोग नहीं किया है। उस रिपोर्ट में फिल्म स्टार मनोज बाजपेई का नाम भी शामिल बताया जा रहा है। अब मनोज बाजपई की जमीन राज्य सरकार में निहित करने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
फिल्म स्टार मनोज बाजपेई को शासन से जमीन खरीदने की अनुमति मिली थी। बताया जा रहा है कि तब मनोज बाजपेई खुद अल्मोड़ा आए हुए थे। दो दिन के भीतर ही उनकी 15 नाली जमीन की प्रशासन ने रजिस्ट्री करा दी थी। जबकि आम लोगों को जमीन की रजिस्ट्री कराने में लंबा समय लग जाता है। रजिस्ट्री के लिए आम लोगों को एड़ियां घिसनी पड़ती हैं। लेकिन ये रजिस्ट्री हाई प्रोफाइल थी। लिहाजा फिल्म स्टार के रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचते ही जमीन की रजिस्ट्री हो गई थी। बता दें कि उत्तराखंड में बाहरी राज्य के लोग निर्माण कार्य के लिए अधिकतम सवा नाली जमीन ही खरीद सकते हैं। इससे अधिक भूमि खरीदने के लिए बाहरी राज्यों के लोगों को शासन या डीएम से परमिशन लेनी पड़ती है।
अल्मोड़ा जिले में क्रय की गई भूमि का निर्धारित प्रायोजन के लिए उपयोग नहीं करने वालों के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रशासन ने ऐसे 23 लोगों को चिह्नित किया है, जिन्होंने यहां जमीन तो खरीदी, लेकिन तय शर्तों का पालन नहीं किया। हालांकि इनमें कई मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं। जिले में 23 मामले सामने आए हैं। इन लोगों ने भूमि की खरीद तो की, लेकिन खरीद के समय लागू हुई शर्तों का पालन नहीं किया। इनमें सबसे अधिक मामले अल्मोड़ा तहसील में 11 हैं। रानीखेत में पांच, लमगड़ा में तीन, स्याल्दे में दो और सल्ट व द्वाराहाट में एक-एक मामला है। आठ मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं, जबकि पांच मामलों में प्रशासन की ओर से कार्रवाई कर ली गई है।
Published on:
14 Nov 2024 08:46 am
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