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फर्रुखाबाद में 49 बच्चों की मौत मामले में हटाए गए डीएम, सीएमओ और सीएमएस

फर्रूखाबाद के जिलाधिकारी तथा मुख्य चिकित्साधिकारी व जिला महिला चिकित्सालय की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए हैं।

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लखनऊ

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Laxmi Narayan

Sep 04, 2017

Lucknow Health News

लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने जनपद फर्रूखाबाद में नवजात शिशुओं की मृत्यु पर चिंता व्यक्त करते हुए जिम्मेदार कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है। सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि शासन स्तर से उच्चस्तरीय टीम भेजकर घटना की तथ्यात्मक एवं तकनीकी छानबीन करायी जाएगी ताकि बच्चों की मृत्यु की वस्तुस्थिति का पता चल सके। प्रवक्ता ने कहा कि घटना को गम्भीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने जनपद फर्रूखाबाद के जिलाधिकारी तथा मुख्य चिकित्साधिकारी व जिला महिला चिकित्सालय की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को स्थानांतरित करने के निर्देश दिए हैं।

जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने सोमवार को बताया कि 20 जुलाई से 21 अगस्त 2017 के बीच जिला महिला चिकित्सालय फर्रूखाबाद में प्रसव के लिए 461 महिलाएं एडमिट की गईं, जिन्होंने 468 बच्चों को जन्म दिया । इनमें 19 बच्चों की पैदा होते ही मृत्यु हो गई जबकि अवशेष 449 बच्चों में से जन्म के समय 66 क्रिटिकल बच्चों को न्यू बाॅर्न केयर यूनिट में भर्ती कराया गया, जिनमें से 60 बच्चों की रिकवरी हुई, शेष 06 बच्चों को बचाया नहीं जा सका। इसके अलावा 145 बच्चे विभिन्न चिकित्सकों एवं अस्पतालों से जिला महिला अस्पताल, फर्रूखाबाद के लिए रेफर किए गए, जिनमें से 121 बच्चे इलाज से स्वस्थ हो गए। इस प्रकार 20 जुलाई से 21 अगस्त, 2017 के बीच 49 नवजात शिशुओं की मृत्यु हुई, जिसमें 19 वे बच्चे भी शामिल होते हैं जिनकी जन्म होते ही मौत हो गई।

इससे पहले मीडिया में खबर आने के बाद जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी की अध्यक्षता में समिति बनाकर जांच करायी। समिति के निष्कर्षों से संतुष्ट न होने के बाद जिलाधिकारी द्वारा अपर जिलाधिकारी से मजिस्ट्रेटी जांच करायी गयी। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर प्राथिमिकी दर्ज करायी गयी है। डायरेक्टर जनरल मेडिकल हेल्थ ने बताया कि सही कारण तकनीकी जांच के माध्यम से ही स्पष्ट हो सकता है। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि शासन स्तर से टीम भेजकर जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं ताकि बच्चों की मृत्यु के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा सके। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी ने बताया कि इस पूरे मामले में किसी भी बच्चे की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है। इस मामले की तकनीकि जांच के लिए डीजी मेडिकल हेल्थ की टीम मौके पर पहुंच रही है।