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विज्ञान एवं तकनीकी के उपयोग से वित्तीय साक्षरता को बढ़ाया जा सकता है -राज्यपाल

राज्यपाल ने वित्तीय साक्षरता संगोष्ठी का उद्घाटन किया

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Oct 27, 2018

Governor ram naik

विज्ञान एवं तकनीकी के उपयोग से वित्तीय साक्षरता को बढ़ाया जा सकता है -राज्यपाल

लखनऊ:उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने जयपुरिया प्रबन्धन संस्थान के प्रेक्षागृह में लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन एवं अवोक इण्डिया फाउण्डेशन द्वारा आयोजित वार्षिक सम्मेलन में ‘वित्तीय साक्षरता द्वारा वित्तीय समावेश’ विषयक संगोष्ठी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन के संरक्षक एवं पूर्व मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश आलोक रंजन, सिक्योरटी एक्सचेंज बोर्ड आॅफ इण्डिया ‘सेबी’ के अधिशासी निदेशक नरेन्द्र पारख, एच0डी0एफ0सी0 बैंक के कन्ट्री हेड नितिन चुग, अवोक इण्डिया फाउण्डेशन के अध्यक्ष प्र्रवीण कुमार द्विवेदी, जयपुरिया प्रबन्धन संस्थान की निदेशक कविता पाठक सहित अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे।

एक रूपये का केवल 15 पैसा ही लाभार्थियों तक पहुंचता है

राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वित्तीय साक्षरता से जहां एक और बैंकिग प्रणाली पर विश्वास बढ़ेगा तो वहीं भ्रष्टाचार पर भी रोक लगेगी। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने कहा था कि विकास के लिए एक रूपये का केवल 15 पैसा ही लाभार्थियों तक पहुंचता है। वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जन धन योजना लागू करके देश की जनता को बैंकों में खाता खोलने के लिए प्रेरित किया। सुरक्षा एवं विकास की दृष्टि से लोगों का पैसा घरों में नहीं बैंकों में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वित्तीय साक्षरता का होना आवश्यक है।

देश की आजादी के समय देश में खाद्यान की कमी थी

राम नाईक ने कहा कि विज्ञान एवं तकनीकी के उपयोग से वित्तीय साक्षरता को बढ़ाया जा सकता है। देश में वित्तीय साक्षरता के प्रति जागरूकता से विकास कार्य को नये आयाम मिलेंगे । देश के युवा स्वयं में कुछ नया सीखने की जिज्ञासा जगायें। नया ज्ञान प्राप्त करते रहें क्योंकि सीखने वाला ही आगे बढ़ता है। देश की आजादी के समय देश में खाद्यान की कमी थी और हम विदशों से अनाज आयात करते थे। आज परिस्थितियां बदली हैं, सीमित कृषि योग्य भूमि होने के बावजूद भी अनाज के मामले में हम आत्मनिर्भर हुए हैं और निर्यात की स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि युवा विचार करें कि विश्व स्तर पर भारत की क्या स्थिति है और उसे कैसे आगे बढ़ाने में योगदान किया जा सकता है।

लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन के संरक्षक एवं पूर्व मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश आलोक रंजन ने कहा कि पिछड़ेपन को दूर करने के लिए वित्तीय साक्षरता जरूरी है। उन्होंने कहा कि लोगों में वित्तीय साक्षरता आयेगी तो सरकारी योजनाएं अत्यधिक सुचारू रूप से चल सकती हैं।


सम्मानित भी किया गया

राज्यपाल ने इस अवसर पर ‘एल0एम0ए0 क्रिएटिविटी एण्ड इनोवेशन पुरस्कार-2018’ से प्रोफेसर राकेश कपूर निदेशक संजय गाँधी स्नातकोत्तर आर्युविज्ञान संस्थान लखनऊ को, ‘एल0एम0ए0 लीडरशिप पुरस्कार-2018’ से किरण चोपड़ा प्रबन्ध निदेशक रीटेक रबर प्रोडक्ट्स लिमिटेड को, ‘एल0एम0ए0 आउटस्टैंडिग विमेन अचिवर्स अवार्ड’ से पल्लवी फौजदार को एवं ‘एल0एम0ए0 युवा अचिवर्स पुरस्कार’ से ऊषा विश्वकर्मा को सम्मानित किया।

लोकार्पण भी किया

इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने के लिये अन्य लोगों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सेबी’ के अधिशासी निदेशक नरेन्द्र पारख, प्रवीण कुमार द्विवेदी तथा ए0के0 माथुर उपाध्यक्ष लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन ने भी अपने विचार रखे। राज्यपाल ने ‘कन्वेंशन जर्नल एवं अवोक इण्डिया टाइम्स’ का लोकार्पण भी किया।