राज्यपाल ने कहा है कि किसी संवैधानिक संस्था, राज्य विधान मंडल द्वारा लिए गए किसी विधायी फैसले के क्रियान्वयन के लिए उस पर अनुमति या फिर अनुमोदन देने की विधिक शक्ति या अधिकारी यूजीसी को नहीं है।इसके अलावा विधायक की धारा-53 की उपधारा-3 में विश्वविद्यालय से जुड़े किसी विवाद पर किसी भी न्यायालय में सुनवाई न होने का प्रावधान कर दिया गया है। राज्यपाल ने कहा है कि ऐसा करना संविधान के तहत न्यायालयों को न्यायिक समीक्षा के दिए अधिकार की शक्ति को छीनने के बराबर है।